भाजपा प्रवक्ता एवं पूर्व चेयरमैन बलदेव तोमर ने कहा कि भाजपा का मानना है कि केवल अपने कुप्रबंधन का ठीकरा कांग्रेस पार्टी भाजपा पर फोड़ने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं स्पष्ट रूप से पता था कि जिस प्रकार से वह हिमाचल प्रदेश में कार्य कर रहे हैं. उसके कारण आने वाले समय में लोन लिमिट पर कट तो लगना ही था और ऐसा नहीं है. कट लगने के अनेकों कारण है और यह कारण प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखकर होते हैं. प्रदेश में चल रहे कुप्रबंधन और वित्तीय संकट को देखकर होते हैं.
उन्होंने कहा की हिमाचल सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में 11068 करोड़ का कर्ज चुकाएगी. यह आई रिपोर्ट्स में स्पष्ट है. इसमें से 5562 करोड़ ब्याज और कर्ज की किश्त 5506 करोड़ होगी. यदि सरकार समिति ऋण लेती है और अपने साधन बढ़ाने पर जोर देती है. तो भी आने वाले 5 साल के भीतर राज्य सरकार को 27677 करोड़ का कर्ज चुकाना होगा. ऐसी रिप्रट सरकार के समक्ष है. 2023-24 के अंत तक राज्य पर 87 हजार करोड़ का कर्ज हो जाएगा. 2024-25 तक हिमाचल का कर्ज 1 लाख करोड़ को पार कर जाएगा.
उन्होंने कहा हर छोटी छोटी बात के लिए हिमाचल कि प्रदेश सरकार केवल मात्र केंद्र को ही जिम्मेदार ठहराती है. ऐसा लग रहा है यह तो केवल इनकी एक रणनीति का भाग है. पर जिस प्रकार से केंद्र ने हिमाचल को अनेकों प्रोजेक्ट दिए. जोकि 90:10 की रेशो में फंड किया जाता हैं. उसके बारे में इस सरकार ने कहीं भी जिक्र किया ही नहीं है.
शिवा परियोजना (हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्य संवर्धन परियोजना) इस परियोजना की कुल लागत 1292 करोड़ रुपए होगी. जिसमें एशियन विकास बैंक द्वारा 1030 करोड़ रुपए तथा राज्य सरकार द्वारा 262 करोड़ रू वहन किए जाएंगे.
इस परियोजना से 7 जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर तथा ऊना को 28 विकास खंडों में 162 सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 400 बागवानी क्लस्टरों के 6000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कुल 2 चरण में किया जाएगा.
पहले चरण में चिन्हित किए 257 कलेक्टरों के तहत 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की निजी भूमि पर एक फसल ए क्लस्टर अवधारणा के तहत संतरा, अमरुद, अनार, लीची, प्लम व जापानी फल आदि अन्य उपोषणकटिबंधीय फलों का रोपण किए जाएगा.
शेष 2000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 143 क्लस्टरों जिसका चिन्हीकरण किया जाना शेष है. शिवा परियोजना से 15000 किसान बागबान परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे. यह परियोजना केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश को दी गई है. पर कांग्रेस पार्टी ऐसी योजनाओं का जिक्र तक नहीं करती है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को विधानसभा चुनाव के दौरान जनता को दी गई 10 गारंटियों के बारे में चिंतन करना चाहिए है और किस प्रकार से वजह 10 गरंटिया जनता को पूरी करके देंगे उसकी चिंता करनी चाहिए. ना कि केवल मात्र केंद्र सरकार को कोसने का काम करना चाहिए.
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