भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष संजीव देष्टा ने कहा की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए रबी सीजन के लिए 22,303 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है। यह केंद्र सरकार की देश के किसानों को बड़ी राहत है।
साथ ही, डीएपी पर 4,500 रुपये प्रति टन की अतिरिक्त सब्सिडी भी जारी रहेगी। इससे किसानों को सस्ती दरों पर खाद मिलती रहेगी। सब्सिडी से देश के 12 करोड़ किसानों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में 23 अक्तूबर से मार्च, 2024 तक फॉस्फेट और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पीएंडके उर्वरक में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश व सल्फर होता है।
उन्होंने कहा की सरकार किसानों को वाजिब कीमत पर उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सब्सिडी की प्रति किलोग्राम दरें नाइट्रोजन के लिए 47.2 रुपये, फॉस्फोरस के लिए 20.52 रुपये, पोटाश के लिए 2.38 रुपये और सल्फर के लिए 1.89 रुपये रखी गई हैं। इससे पहले, सरकार ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की थी।
केंद्र सरकार नहीं चाहती कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने का असर किसानों पर पड़े। इसलिए, सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी जारी रखी है। किसानों को डीएपी पुरानी कीमत 1,350 रुपये प्रति बोरी पर ही मिलती रहेगी। इसी तरह, एनपीके उर्वरक 1,470 रुपये प्रति बोरी मिलेगा। किसानों को एक रुपया भी अतिरिक्त नहीं देना होगा। उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के माध्यम से सरकार उर्वरकों के 25 ग्रेड उपलब्ध करा रही है। इन पर 1 अप्रैल, 2010 से सब्सिडी दी जा रही है।
उन्होंने कहा की कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आज तक किसानों के हित में कुछ नहीं सोचा और भाजपा की केंद्र सरकार ने लगातार किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ काम किया है। किसान खुश रहेगा तो देश खुशहाली की ओर बढ़ेगा। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आई है किसानों के हित में लगातार निर्णय लिए जा रहे हैं इससे किसान खुश भी है और उसको खेती करने के लिए प्रेरणा भी मिलती है।
कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किसानों पर राजनीति की है पर भाजपा ने हमेशा किसानों के लिए सकारात्मक नीति का निर्माण किया हैं।
किसानों और बागवानों के लिए एंटी हेलनेट, पाॅलीहाउस एंव पाॅलीहाउस की मरम्मत हेतू 85 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता हैं, उसके आवदेन का पोर्टल कृषि विभाग द्वारा बंद कर दिया हैं। जिसके कारण प्रदेश के किसानों और बागवानों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इससे साफ नज़र आ रहा है कि कांग्रेस सरकार की किसानों-बागवानों के प्रति मंशा ठीक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों और बागवानों का उत्थान करना चाहती हैं और दूसरी तरफ प्रदेश सरकार किसानों-बागवानों के हक्कों को छिनने पर उतारू हैं।