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मंडी में थमा कोरोना का कहर, जिला में महज 876 एक्टिव मामले, अधिकांश कोविड सेंटर खाली

बीरबल शर्मा |

कोरोना महामारी की दूसरी लहर जिसने मई महीने के शुरूआत में मंडी जिले को झकझोर कर दिया था, सरकार को करोड़ों खर्च करके दो दो बड़े मेक शिफ्ट अस्पताल शुरू करने पड़े। साबधानी व सख्ती यदि इसी तरह से बरती जाती रही तो बहुत जल्द जिला कोरोना से मुक्ति की खबर दे सकता है। जिले में अब तक कुल संक्रमित लगभग 26 हजार हो चुके हैं मगर राहत की बात यह है कि इनमें केवल 876 ही ऐसे संक्रमित हैं जो इस समय अस्पताल या फिर अपने घर में उपचार ले रहे हैं। 

इसमें अस्पतालों में तो महज 117 संक्रमित ही इस समय उपचाराधीन हैं जबकि एक्टिव मामलों में 756 गृह संगरोध में रह कर अपना उपचार ले रहे हैं। कोविड अस्पताल व कोविड सेंटर भी अधिकांश खाली हो गए हैं। रत्ती, छिपणू, जोगिंदरनगर, थुनाग, सुंदरनगर, अभिलाषी, द्रंग, टीसीवी सूजा व सब जेल मंडी कोविड केयर सेंटरों में कोई भी संक्रमित भर्ती नहीं हैं। केवल नेरचौक मेडिकल कालेज में  56, मेक शिफ्ट कोविड सेंटर में 25, बीबीएमबी सुंदरनगर में 9, एमसीएच सुंदरनगर में 4 व सदयाणा में 23 संक्रमित भर्ती हैं। दुख की बात जरूर है कि जिले में कोरोना से मरने वालों को आंकड़ा 350 से पार कर गया है।

हर व्यक्ति तक सैंपल की पहुंच बनाने के इरादे से शुरू किए गए सैंपलिंग के महाअभियान के तहत शुक्रवार को मंडी जिले में रिकार्ड 4626 लोगों के सैंपल लिए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र शर्मा ने बताया कि इनमें 329 आरटीपीसीआर सैंपलों में से 8 पॉजटिव निकले जबकि 4297 रैट सैंपलों में 138 पॉजटिव आए। ऐसे में 4626 सैंपलों की जो रिपोर्ट शुक्रवार को आई है उसमें महज 138 ही पॉजटिव हैं जो बड़ी राहत मानी जा रही है। ऐसे में जिस तरह से जिले में कोरोना के मामले ज्यादा सैंपलिंग के बावजूद भी बेहद कम निकल रहे हैं उससे माना जा रहा है कि आने वाले एक सप्ताह में जिले के लिए बड़ी राहत की खबर मिल सकती है।