गौवंश के संरक्षण के लिए सिरमौर प्रशासन ने पहल की है। प्रशासन एक ही स्थान पर करीब पांच सौ गौवंश का संरक्षण करेगा। इसके लिए पच्छाद तहसील के कोटला बड़ोग में गौ अभ्यारण्य (कॉऊ सेंक्चुरी) का निर्माण किया जाएगा। यह सेंक्चुरी प्रदेश की सबसे बड़ी और पहली कॉऊ सेंक्चुरी होगी। जिसमें सड़कों में घूम रही गायों को रखा जाएगा।
ये बात पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कही। उन्होंने बताया कि इस बारे में बुधवार को मुख्यमंत्री के आवास पर लंबी बैठक हुई है। जिसमें इसकी रूपरेखा पर चर्चा की गई। 10 जून को सिरमौर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस सेंचुरी की नींव रखने जा रहे हैं। इसके बाद सभी जिलों में इस तरह की सेंचुरी खोली जाएंगी। जिनको एनजीओ की मदद से चलाया जाएगा और सरकार इसमें पूरी मदद करेगी।
कांगड़ा, मंडी और शिमला जैसे बड़े जिलों में एक से अधिक गौ सेंचुरी बनाई जाएगी। मंत्री के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में 40,000 गौवंश सड़कों पर है। जिनको सड़को से उठाकर सेंचुरी में लाना सरकार की प्राथमिकता है।