बिलासपुर स्वारघाट क्वारंटीन सेंटर में युवक की मौत पर माकपा ने शोक जताया है। साथ ही कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। माकपा नेता संजय चौहान ने युवक की मौत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या कोरंटीन सेंटर में रखने से पहले युवक का कोविड टेस्ट किया गया था। युवक अगर किसी बीमारी से पीड़ित था तो क्या कोरंटाइन सेंटर में रखने से पहले उसका मेडिकल चेकअप किया गया था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि युवक को समय रहते अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। क्या बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी लचर हैं कि छोटी से चोट का भी इलाज नहीं किया जा सका।
संजय चौहान ने कहा कि जिस तरह से IGMC में युवक के शव को रखा गया वे बिल्कुल ही अमानवीय और संवेदनहीन है। कई घंटो तक युवक का शव बाहर फर्स पर पड़ा रहा। माकपा बार-बार प्रदेश सरकार से निवेदन कर रही है की इस परिस्थिति से निपटने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्य करे । लेकिन इस तरह कि घटनाएं सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाती हैं। इससे पहले भी सरकाघाट के कोरोना संक्रमित युवक की मौत के दाह संस्कार को लेकर भी सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे।
उन्होंने कहा कि माकपा सरकार से मांग करती है कि इस विषम परिस्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए। कोविड19 से निपटने के लिए जो आधी अधूरी तैयारियां सरकार ने की हैं उनको तुरंत सुदृढ़ किया जाए। साथ ही एक टास्क फोर्स किसी जिम्मेदार व्यक्ति के नेतृत्व में गठन की जाए ताकि प्रदेश इस बीमारी से समय रहते बाहर निकल सके। यदि इसी प्रकार की लचर व्यवस्था प्रदेश सरकार की रहती है तो आने वाले समय में स्थिति और भी भयंकर हो सकती है, जिससे जनता के अंदर भय का माहौल पैदा होगा।
बता दें कि बिलासपुर के स्वारघाट क्वांरटीन में 2 पॉजिटिव आने की ख़बर सुनते ही उनके साथ ही क्वारंटीन किए गए 26 साल का युवक अचानक बेहोश होकर फ़र्श में गिर गया। गिरने से उसके सिर पर चोट आई और उसकी मौत हो गई। मौके पर किसी ने युवक को डर के मारे हाथ नहीं लगाया औऱ बाद में घसीटकर उसे एम्बुलेंस में डाला तथा ईलाज के लिए IGMC शिमला लाया गया। IGMC के डॉक्टरों ने इसको एम्बुलेंस में ही चेक किया और मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत की वजह सिर पर चोट लगाना पाया गया। विभाग की लापरवाही भी सामने आई और ढाई घण्टे तक शव एम्बुलेंस में ही पड़ा रहा। बाद में शव को एम्बुलेंस से निकालकर फ़र्श पर रख दिया गया। कोरोना के डर से किसी ने युवक को हाथ नहीं लगाया और बाद में युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आई।