धर्मशाला: आपसी मेलजोल को आगे बढ़ाने में सूद सभा धर्मशाला हमेशा अग्रसर रही है। इसी शृंखला को आगे बढ़ाते हुए इन वर्ष सूद परिवार मिलन समारोह का आयोजन रविवार को जोधामल सराय डिपो बाजार धर्मशाला में मनाया गया। इस अवसर पर राय बहादुर जोधामल कुठियाला की हिमाचल प्रदेश में पहली प्रतिमा का अनावरण मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल राय बहादुर जोधामल कुठियाला के पौत्र डॉ. अतुल सूद एवं श्रीमती मधु सूद की उपस्थिति में किया। मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने कहा कि धर्मशाला में सूद बिरादरी का एकत्रित होकर ऐसे समारोह करवाना गर्व की बात है। इस तरह के समागमों से समूह बिरादरी को एक मंच पर एकत्रित होने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि सूद बिरादरी का गौरवमयी इतिहास है। समाज के हर क्षेत्र में सूद बिरादरी का योगदानरहा है।
सूद बिरादरी के लोग शिक्षा, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। सूद बिरादरी का इतिहास रहा है कि वे जहां भी रहे अपने साथ सामुदायिक विकास की गंगा भी बहाते रहे। उन्होंने न केवल अपनी बिरादरी बल्कि समूचे समाज को अपने परिवार का हिस्सा मानकर क्षेत्र के विकास में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कभी मंदिर नहीं बनाए, लेकिन समाज को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए सरकार की पहल की प्रतीक्षा न करते हुए स्वयं अस्पताल, स्कूल, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सड़कें, धर्मशालाएं तथा कई अन्य विकास की योजनाएं अपने बूते आरंभ कर अपने सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निभाया। जिन दुर्गम तथा अति पिछड़े क्षेत्रों में विकास की लौ नहीं पहुंची थी, उन क्षेत्रों में पहुंचकर न केवल अपना कारोबार जमाया, बल्कि लोगों को रोजगार से जोड़ कर अपनी संस्कृति, ज्ञान व शिक्षा का प्रसार कर एक कनेक्टिविटी भी प्रदान की।
समाज के निर्माण और विकास में अपने खर्चे से संपत्तियां निर्मित कर उन्हें जनहित में लोकार्पित करना बिरादरी की पहचान रही है। इससे पहले सूद सभा के अध्यक्ष नरेश सूद एवं मुख्य सचिव सत्यपाल सूद ने प्रदेश सरकार से धर्मशाला में सूद म्यूज़ियम बनाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा की राय बहादुर जोधामल कुठियाला की याद में धर्मशाला में पहली प्रतिमा स्थापित की गई है। इस अवसर पर पालमपुर सूद सभा के अध्यक्ष बीके सूद, संतान धर्म सभा के अध्यक्ष सुनील मनोचा, सूद सभा अध्यक्ष नरेश सूद सहित मेधावी बछ्कोंको स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने धर्मशाला में सूद म्यूज़ियम निर्माण के लिए 21 हज़ार रुपए देने की घोषणा की। इस मौके पर कोषाध्यक्ष सुरिंदर कशयप, सीनियर वाईस प्रसिडेंट प्रेम सूद, सह सचिव निशा सूद और चीफ पैटर्न त्रिलोक चंद सूद सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राय बहादुर जोधामल कुठियाला का जीवन परिचय
राय बहादुर जोधामल का जन्म 23 नवंबर, 1883 को कुठियाला रियासत के गांव हरोली जिला ऊना में हुआ था। उन्होंने टांडा में 47 एकड़ भूमि पर 400 बिस्तर के क्षय रोग सेनेटोरियम एवं चिकित्सालय को खोलने के लिए सरकार को दान में दी थी। जिला कांगड़ा के धर्मशाला के डीपो बाजार में एक सराय का निर्माण करवाया था। जिसका उद्धघाटन 14 मई 1942 को श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज द्वारा किया गया था। राय बहादुर जोधामल कुठियाला अपने युग के एक महान परोपकारी व्यक्ति थे और उन्होंने 5 दशकों की अवधि में दान दिया और जम्मू-कश्मीर, अविभाजित पंजाब और रियासती हिमाचल प्रदेश राज्यों में कई धर्मार्थ कार्यों का समर्थन किया।
उनके द्वारा इन क्षेत्रों में प्रतिवर्ष छात्राओं को उदार छात्रवृत्तियां वितरित की जाती थीं। इनमें से कुछ छात्रवृत्तियां अभी भी जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में उनके परिवार के सदस्यों द्वारा दी जा रही हैं। कई धर्मशालाएं और डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह, हिमाचल प्रदेश और पीओके के पहाड़ी इलाकों में सराय का निर्माण और दान उनके द्वारा किया गया था। अविभाजित पंजाब में उनके द्वारा 400 बिस्तरों वाला क्षय रोग सैनिटेरियम सह अस्पताल बनाया और दान किया गया था। उपर्युक्त चार राज्यों में कई डीएवी और अन्य सोसायटी संचालित स्कूलों में छात्राओं के लिए सैकड़ों शैक्षणिक ब्लॉकों का निर्माण और दान किया गया। 9 अक्टूबर 1961 को राय बहादुर जोधामल का निधन हो गया।