मुख्य संसदीय सचिव (ऊर्जा) सुन्दर सिंह ठाकुर ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के प्रबन्धन के साथ हिमाचल में निगम द्वारा क्रियान्वित जल विद्युत परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दो जल विद्युत परियोजनाओं क्रमशः 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी व 412 मेगावाट का रामपुर में संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी चरण-1, 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध व 382 मेगावाट क्षमता की सुन्नी बांध परियोजनाओं पर निर्माण कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा 2470 मेगावाट की चार पम्प स्टोरेज परियोजनाएं भी चिन्हित की गई हैं तथा फ्लोटिंग सोलर व ग्रीन हाइड्रोज के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड में प्रदेश सरकार की 26.85 प्रतिशत भागीदारी है, जिसके मद्देनजर कम्पनी की निर्देशक मण्डल ( बी0ओ0डी0 ) में प्रदेश सरकार के स्थाई सदस्य नामित होने चाहिए, जिसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्ताव भारत सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश के हितों की रक्षा करने व आय के स्त्रोतों की बढ़ौतरी के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जो परियोजनाएं ऋण मुक्त हो चुकी हैं उन परियोजनाओं में राज्य को मिलने वाली मुफ्त बिजली की हिस्सेदारी को बढ़ाया जा सकता है तथा परियोजनाओं की अनुबन्ध अवधि सरकार द्वारा संशोधित लीज नियमों के अनुसार निर्धारित की जाएगी। बैठक में ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा, ऊर्जा निदेशक हरिकेश मीणा, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड नन्द लाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।