देवभूमि कही जाने वाले हिमाचल में अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। इन अपराधों के लिए चाहे सामाजिक तानाबाना जिम्मेदार हो , या राजनीतिक संरक्षण , या फिर पुलिस प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली, शांत कहे जाने वाले हिमाचल में भी यूपी, बिहार की तर्ज पर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। इन अपराधों में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नज़र दौड़ाई जाए तो हिमाचल में बलात्कार के 1258 मामले दर्ज हुए। जबकि 148 महिलाओं की हत्या की गई है इसके अलावा अपहरण का भी हिमाचल में कम ग्राफ नहीं है । इस दौरान 1206 अपहरण किए गए हैं।
आंकड़ो के मुताबिक प्रदेश में पिछले पांच साल के दौरान 2209 महिलाओं का यौन शोषण किया गया। 1274 महिलाएं क्रूरता का शिकार हुई हैं। जबकि 340 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आए।
हर 34 घंटे में महिला का हुआ रेप
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों कम होने के बजाए बढ़ रहे हैं। बीते 5 सालों में हर 34 घंटे में एक महिला बलात्कार का शिकार हुई। हर साल औसतन 251 मामले हुए दर्ज हुए। इस साल के 11 महीनों में दुष्कर्म के 236 मामले सामने आए। जबकि हत्या के 27 व यौन शोषण के 359 मामले सामने आए। ये आंकड़े बताते है कि समय रहते ठोस कदम नही उठाए गए तो आने वाले समय में अपराधी बेलगाम हो।जाएंगे।