एक स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है और वह उस बच्चे और अपने परिवार की बेहतर परवरिश कर सकती है। लेकिन, अक्सर महिलाएं अपने दैनिक कार्यों में इतना व्यस्त हो जाती हैं कि कई बार वे अपने आहार एवं स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रख पाती हैं और कुपोषण या अनीमिया का भी शिकार हो जाती हैं। गर्भावस्था में ऐसी लापरवाही न केवल महिला, बल्कि आने वाले बच्चे के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। महिलाओं और नवजात शिशुओं में ऐसी स्थिति को रोकने तथा जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आरंभ की है।
महिला को गर्भावस्था के समय से ही सही पोषण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत धनराशि मिलनी शुरू हो जाती है और महिला के टीकाकरण और बच्चे के टीकाकरण तक यह तीन किश्तों में दी जाती है। जब महिला अपने पहले गर्भाधारण के समय चैकअप करवाती है तो उसे पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण पर उसे 2000 रुपये की दूसरी किश्त मिलती है। बच्चे के जन्म और उसके टीकाकरण तक महिला को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की 3000 रुपये की तीसरी किश्त प्रदान की जाती है। इस प्रकार उसे तीन किश्तों में कुल 5000 रुपये की राशि दी जाती है। इस धनराशि से गर्भवती एवं धात्री महिला के साथ-साथ नवजात शिशु का भी पर्याप्त पोषण सुनिश्चित होता है।
उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने बताया कि कुल्लू जिला में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत अभी तक गभर्वती एवं धात्री महिलाओं को कुल 4 करोड़ 90 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि यह धनराशि सीधे महिला के बैंक खाते में दी जा रही है। इस धनराशि से महिलाओं और शिशुओं का सही पोषण सुनिश्चित हो रहा है। उपायुक्त ने कहा कि इस योजना का लाभ पात्र महिलाओं तक पहुंचाने में आंगनबाड़ी कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने पात्र महिलाओं से इस योजना का लाभ उठाने तथा अपने तथा अपने बच्चों के पोषण का ध्यान रखने की अपील की है।