प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए जिला स्तर पर कोविड टीकाकरण प्रक्रिया को बढ़ाया गया है। जिला शिमला में भी वेक्सीनशन सेंटरों की संख्या बढ़ाने के साथ ही राजधानी स्थित अस्पताल को दोबारा कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि कोविड के मामले बढ़ने के कारण आईजीएमसी में मरीज़ो की संख्या बढ़ गई है। जिसके बाद डीडीयू को कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां पहले की तरह उन मरीजों को रखा जाएगा जिन्हें कोविड के कम लक्षण होंगे और केवल ऑक्सीजन की ही जरूरत हो। जिला में 11 से 14 अप्रैल तक आयोजित किये गए टीकाकरण उत्सव के दौरान जिला के हजारों लोगों को कोविड वेक्सीनेशन लगाई गयी है और अभी तक जिला में लगभग डेढ़ लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
वैक्सीनेशन प्रक्रिया के साथ ही लोगों को महामारी के प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को वेक्सीनेसशन करवानी चाहिए। ऐसा देखा जा रहा है कि जो लोग वैक्सीन लगवाने के बाद पॉजिटिव आ रहे हैं उनमें कोविड के लक्षण कम पाए जा रहे हैं। यह वायरल बीमारी है जब तक इससे 85 प्रतिशत लोग इम्यूनाइज नहीं होते हैं चाहे वह वैक्सीन से हो या इससे प्रभावित होने के बाद ही हर्ड इम्युनिटी बनने के बाद ही इसका उन्मूलन हो सकता है।