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“विधानसभा चुनावों में नेताओं से जवाबदेही मांगने और मतदान में विरोध करने का लिया निर्णय”

बीरबल शर्मा |

सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेशाध्यक्ष एवं राजपूत महासभा के प्रदेश महासचिव केएस जंवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सामान्य वर्ग आयोग के गठन की अधिसूचना को व्यावहारिक रूप से लागू ना किए जाने तथा बहुुसंख्यक सामान्य वर्ग के हितों की अनदेखी किए जाने को लेकर चुनावों में विरोध करने का निर्णय लिया है.
पत्रकारों से बात करते हुए संगठन के सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेशाध्यक्ष के. एस. जंवाल और वरिष्ठ उप प्रधान अमर सिंह गुलेरिया ने कहां की लंबे समय से प्रदेश में सभी समुदायो में समानता के अधिकार एवं बहुुसंख्यक सामान्य वर्ग के हितों की अनदेखी को लेकर संघर्ष किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि उनके संगठन की ओर से सामान्य वर्ग के सभी विधायकों, मंत्रियों, प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा लोकसभा सांसदों और  केंद्रीय मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचाई गई. मगर किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया. प्रदेश सरकार ने सामान्य वर्ग के लोगों विशेषकर युवाओं के आक्रोश को भांंपते हुए संगठन की  प्रमुख मांग सामान्य वर्ग आयोग के गठन पर जो नोटिफिकेशन की थी उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया और इसके गठन पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.
यही नहीं ने राजपूत कल्याण बोर्ड तथा ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की एक भी बैठक नहीं बुलाई, जहां पर हम लोग सामान्य वर्ग की लंबित समस्याओं को संवैधानिक रूप से समाधान के लिए सरकार के समक्ष रख सकते थे.
जबकि दूसरी जाति विशेष समुदायों के बोर्डो तथा विभिन्न मोर्चों की बैठकें बुलाकर, उन्हें कई प्रकार से लाभान्वित किया गया. उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के लोगों की अनदेखी को देखते हुए, उनके संगठनों ने सामान्य वर्ग के सभी लोगों विशेषकर युवा, महिलाओं तथा वरिष्ठ वर्ग से अपील की है कि विस  चुनाव में उन्हीं पार्टी प्रत्याशियों को वोट दें जो मतदान से पहले सार्वजनिक मंचो के माध्यम से उनकी इन समस्याओंपर अपना सार्थक समर्थन देने का वादा करते हैं.
जिससे आने वाली सरकार को बहुसंख्यक सामान्य वर्ग के लोगों से इस प्रकार की अनदेखी पर व्याप्त आक्रोश के नतीजों का अहसास रहें.