हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले विरोधी दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति तो हावी है ही, साथ ही दलों के बीच आंतरिक द्वन्द भी चरम पर है. वहीं, नैना देवी के कांग्रेसी विधायक ने भी अपनी नराजगी जताकर गूगली फैंकी है.
जिसमें कांग्रेस पार्टी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए है. साथ ही नसीहत देते हुए अपने इस्तीफे की की भी पेचकश की है. बिलासपुर के बाद आज हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामलाल ठाकुर शिमला पहुंचे. उन्होंने बताया कि वह उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे और चुनाव ना लड़ने के फैसले पर अडिग है.
राम लाल ठाकुर ने दो टूक कह दिया कि उन्होंने आलाकमान को अपनी स्थिति साफ कर दी है. अंतिम फैसला आलाकमान को ही करना है. जयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में यह तय हुआ था कि जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं उनकी जगह नए लोगों को पार्टी में मौका देना चाहिए.
राम लाल ठाकुर ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले अपने चेहतों के लिये टिकेट की लॉबिंग करने वाले नेताओं के व्यवहार से वह व्यथित है. बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक नही चल रहा है. इसलिए कांग्रेस पार्टी को आज एक जुट होने की ज़रूरत है.
चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर उन्होंने कहा कि हिमाचल में इससे नुकसान ही हुआ है. पिछली मर्तबा भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरे प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए. जिससे सबक लेकर कांग्रेस को सीएम का चेहरा घोषित करने की जरूरत नही है.