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बिना अध्यापकों के कैसे जलेगी शिक्षा की लौ, यहां एक शिक्षक के सहारे चल रहा स्कूल

समाचार फर्स्ट डेस्क |

जिला चंबा के राजकीय प्राथमिक स्कूल जुम्महार में शिक्षा ग्रहण कर रहे 55 बच्चों का भविष्य इकलौते शिक्षक के सहारे ही चल रहा है। चार माह से स्कूल में एक ही अध्यापक होने से इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। उक्त अध्यापक पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ा रहा है। साथ ही स्कूल में मिड-डे मील व्यवस्था का कार्यभार भी इसी अध्यापक पर है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि इस स्कूल की शिक्षा व्यवस्था सही मायने में कितनी पुख्ता है।

राजकीय प्राथमिक स्कूल जुम्महार की स्कूल प्रबंधन समिति व ग्रामीणों ने स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर उपायुक्त हरिकेष मीणा को शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में कुछ माह पूर्व तीन अध्यापक तैनात थे, लेकिन एक के बाद एक यहां से तबादला हो गया और अब यहां सिर्फ एक ही अध्यापक बचा है। यहां तैनात एक अध्यापक की पदोन्नति हो गई, वहीं दूसरे का तबादला हो गया। पहले ही यह स्कूल मंदिर के एक कमरे में चल रहा है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा के बेहतर वातावरण को तैयार करने के दावे करती है तो दूसरी तरफ स्कूलों में रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है। स्कूल प्रबंधन समिति ने मांग की है कि जल्द ही स्कूल में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाए, अन्यथा प्रदर्शन किया जाएगा।

डीसी हरिकेष मीणा का कहना है कि जुम्हार स्कूल में चल रही स्टाफ की कमी से जल्द ही सरकार को अवगत करवाया जाएगा, लेकिन फिलहाल डेप्युटेशन पर दूसरे स्कूल से स्टाफ भेज दिया जाएगा और इसके लिए उन्होंने शिक्षा उपनिदेशक को बता दिया है।