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बाल अधिकारों के लिए आपसी समन्वय दिखाएं विभाग और संस्थाएंः वंदना कुमारी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना कुमारी ने कहा है कि बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभाग और संस्थाएं आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। आयोग के अन्य सदस्यों के साथ कुल्लू जिला के प्रवास पर पहुंची वंदना कुमारी ने जिला परिषद हाल में विभागीय अधिकारियों, जिला बाल संरक्षण इकाई और अन्य संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान ये निर्देश दिए।
 
उन्होंने कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं और इन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के अलावा बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण अधिनियम बनाए गए हैं। इनका लाभ सभी बच्चों को मिलना चाहिए। इस अवसर पर वंदना कुमारी ने जिला में पोक्सो एक्ट, किशोर न्याय अधिनियम, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल आश्रम और चाइल्ड हेल्पलाइन से संबंधित मामलों पर विस्तार से चर्चा की।

वंदना कुमारी ने कहा कि बाल आश्रमों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में बच्चों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध होने चाहिए। उनके अधिकारों के हनन के मामलों को तुरंत संबंधित अथॉरिटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। आयोग की अध्यक्ष ने जिला में संचालित किए जा रहे बाल आश्रमों में आवश्यक सुविधाओं, बच्चों में पोषण और शिक्षा के स्तर, बाल-बालिका सुरक्षा योजना और अन्य मुद्दों पर भी अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की।  
 
इस अवसर पर आयोग के सदस्य शैलेंद्र बहल, अरुणा चैहान, सुचित्रा ठाकुर, कुसुम वर्मा और सपना बंटा ने भी विभागीय अधिकारियों और संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ बच्चों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और अपने सुझाव रखे। जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र आर्य ने इन मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। बैठक में एडीएम अक्षय सूद, जिला बाल संरक्षण इकाई की अध्यक्ष कृष्णा कुमारी और अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया। इससे पहले वंदना कुमारी और आयोग के अन्य सदस्यों ने जिला के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों, बाल आश्रमों और अस्पतालों का निरीक्षण करके वास्तविक स्थिति का जायजा भी लिया।