शिमला: हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभी तक 171 दोषियों को गिरफ़्तार किया गया है. 47 लोग अभी भी पुलिस हिरासत में है. मामले में पुलिस सप्ताह भर में चार्जशीट दाख़िल करने की बात कह रही है. मामले में पुलिस ने अभी तक 46 एजेंट, 116 अभ्यार्थी व 9 अभिभावक गिरफ़्तार किए हैं. जिनमें से 47 अभी भी पुलिस हिरासत में हैं. हिरासत में लिए गए पेपर लीक में एजेंट दिल्ली, बिहार, राजस्थान, यूपी व उतराखंड सहित 12 राज्यों के गिरोह के लोग संलिप्त हैं. हिमाचल के , किन्नौर लाहौल स्थिति व शिमला को छोड़कर सभी जिला के अभ्यार्थियों को पेपर पैसे से बेचे गए. सबसे ज्यादा कांगडा जिले के 91 अभ्यार्थी गिरफ़्तार हुए है.
हिमाचल पुलिस प्रमुख संजय कुंडू ने बताया की अभी जांच जारी है और दोषियों की धरपकड़ की जा रही है. पेपर प्रिंटिग प्रेस से लीक हुआ और इसको लीक करने वाला बिहार का सुधीर यादव है जो प्रिटिंग प्रेस में काम करता था. हालांकि पुलिस ने पेपर लीक मामले में पुलिस अधिकारियों के शामिल होने से इंकार नही किया है. मामले में राजस्थान से एक अभियुक्त संदीप टैलर को गिरफ़्तार किया. जिसने अपनी पत्नी के खाते में पैसे डाले थे पत्नी को अभी गिरफ़्तार नही किया गया है क्योंकि वह गर्भवती है. पुलिस प्रमुख ने बताया की गिरोह से अभी तक 10 लाख से ज्यादा की नकदी, 6 कार, 185 मोबाइल फोन, 5 लापटॉप, चेकबूक व अन्य सामान बरामद किया गया है.
इसमें दिलचस्प बात ये भी है कि अभ्यार्थीयों में कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने पेपर तो खरीदा लेकिन पास नही हुए. संजय कुंडू ने बताया की देश भर में पेपर लीक होते हैं. लेकिन उतर भारत में सबसे ज्यादा होते है. जिसको लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है जिसमें पेपर छापने वाली प्रिंटिग प्रेस को अलग से बनाने सहित कई सुझाव दिए गए हैं. साथ ही राज्य सरकार से सिफारिश की जाएगी कि वह धारा 420 में संशोधन करें और राजस्थान की तर्ज पर सख्त कानून बनाएं. राजस्थान ने इसे गैर जमानती अपराध बनाया है, जबकि हिमाचल समेत देश के अन्य राज्यों ने अभी है गैर जमानती नहीं किया है. इसमें अभी तीन साल तक की ही सजा होने का प्रावधान है. डीजीपी के साथ एसआईटी प्रमुख डीआईजी मधुसूदन भी पत्रकार वार्ता में मौजूद रहे.