धर्मशाला एडवेंचर स्पोर्ट्स क्लब के प्रधान विजय इंद्र कर्ण ने पर्यटन विभाग को पत्र लिखकर बरसात शुरू होने तक पैराग्लाइडिंग उडानों को जारी रखने की मांग की है। उन्होंने विभाग से गुजारिश की है कि जब तक जिला कांगड़ा में पूर्ण रूप से बरसात शुरू नहीं हो जाती तब तक पैराग्लाइडिंग को चलने दिया जाए। विजय इंद्र कर्ण ने बताया कि धर्मशाला के इन्द्रूनाग और बैजनाथ के बीड़ बिलिंग में शुरू हुए पैराग्लाइडिंग को पहले ही कोविड बीमारी के कारण आर्थिकी नुकसान उठाना पड़ा था। लेकिन अब पैराग्लाइडिंग पर मौसम की मार पड़ने वाली है। डेढ़ माह के शुरू हुई पैराग्लाइडिंग उड़ानों पर 15 जुलाई से प्रतिबंध लग जायेगा।
गौरतलब है कि जिला कांगड़ा में मानसून को देखते हुए 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग सहित साहसिक खेलों पर पूरी तरह से रोक रहती है। कोरोना काल की मार से जूझ रही पैराग्लाइडिंग उड़ानों पर एक बार फिर से अब मौसम की मार पड़ने वाली है। पैराग्लाइडिंग पायलट अनिल ने कहा कि कुछ समय पहले ही प्रदेश सरकार द्वारा पैराग्लाइडिंग उड़ानों पर से प्रतिबन्द हटाया गया है। और कोरोना कर्फ्यू के चलते सभी पैराग्लाइडिंग पायलट भी काम न होने के चलते मायूस थे। लेकिन जब प्रदेश सरकार ने पर्यटकों को हिमाचल आने की अनुमति प्रदान कर दी है तो ऐसे में पर्यटन विभाग द्वारा पैराग्लाइडिंग पर 15 जुलाई से रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे में अगर पर्यटन विभाग 15 जुलाई से पैराग्लाइडिंग पर रोक लगा देता है तो उन्हें फिर से आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है
धर्मशाला एडवेंचर स्पोर्ट्स क्लब के प्रधान विजय इंद्रकर्ण ने कहा कि कोरोना काल में पहले ही पायलट आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं वहीं, अब पर्यटकों के आने के कारण पैराग्लाइडिंग को भी कुछ पंख लगे हैं। इस बार 15 जुलाई से इन गतिविधियों पर रोक न लगे, इसके लिए पपर्यटक विभाग को पत्र लिखकर मांग की गई है कि जब तक बरसात पूरी तरह से उतर नहीं आती है, तब तक पैराग्लाइडिंग पर रोक न लगाई जाए ताकि पायलट अपनी रोजी रोटी कम सकें।
वहीं, जिला पर्यटन अधिकरी सुनयैना शर्मा ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के चलते हर वर्ष 15 जुलाई से लेकर 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग उड़ानों को बंद रखा जाता है। इस वर्ष भी 15 जुलाई से प्रदेश भर में पैराग्लाइडिंग उड़ानों और राफ्टिंग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा।