जिला कांगड़ा के 60 स्कूलों के बच्चों को शनिवार को ‘संवाद’ कार्यक्रम के माध्यम से नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक किया गया। कई विद्यार्थियों ने पेंटिंग्स बनाकर नशे से दूर रहने का संकल्प भी लिया।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के उद्देश्य से जिले में प्रत्येक माह के तीसरे तथा चौथे शनिवार को चयनित स्कूलों में संवाद के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसी के तहत जिला कांगड़ा के 60 स्कूलों के बच्चों को विभिन्न गतिविधियों और जानकारियों के माध्यम से नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने बच्चों से ‘संवाद’ स्थापित कर उन्हें प्रेरित किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
यह है संवाद
डीसी ने बताया कि स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को जागरूक करने के लिए ‘संवाद’ (एस.ए.एम.वी.ए.ए.डी.-सिस्टेमैटि
इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की स्कूली बच्चों से जुड़ी शिक्षा व जागरुकता गतिविधियों को कन्वर्जेंस के साथ निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संवाद कार्यक्रम का शेड्यूल इस प्रकार तैयार किया गया है, जिसमें स्कूली विद्यार्थियों के साथ नशा निवारण से लेकर मानसिक हेल्थ, पौषाहार तथा व्यक्तित्व निर्माण पर संवाद स्थापित कर उन्हें जरूरी टिप्स दिए जा रहे हैं।
152 स्कूलों में होंगें कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक तौर पर ‘संवाद’ कार्यक्रम के लिए जिले के 152 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों का चयन किया गया है। जिनमें नूरपुर, इंदौरा, जवाली, ज्वालामुखी, नगरोटा, शाहपुर, पालमपुर और बैजनाथ में प्रत्येक उपमंडल में 12 स्कूल इसमें शामिल किए गए हैं। वहीं फतेहपुर, देहरा, जसवां परागपुर, जयसिंहपुर, सुलह, कांगड़ा और धर्मशाला में प्रत्येक उपमंडल से 8 स्कूल चयनित किए गए हैं।
अधिकारियों के चार समूह कर रहे जागरूक
डॉ. निपुण ने बताया कि संवाद अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक उपमंडल में जी-1, जी-2, जी-3 और जी-4 नाम से चार समूह गठित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जी-1 में उपमंडलाधिकारी तथा तहसील वेल्फेयर अधिकारी, जी-2 में उपमंडल पुलिस अधिकारी तथा आबकारी कराधान अधिकारी, जी-3 में खंड चिकित्सा अधिकारी एलोपेथिक तथा आयुष और जी-4 में खंड विकास अधिकारी तथा बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी शामिल किए गए हैं।
यह समूह संबंधित उपमंडलों के विद्यालयों में विद्यार्थियों को मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर उनसे संबंधित विषयों में संवाद कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अभियान में जिला प्रशासन सहित पुलिस, आबकारी कराधान, महिला एवं बाल विकास, कल्याण, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, आयुष, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सहित अन्य विभाग और गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि स्कूलों में जाकर बच्चों को जागरूक कर रहे हैं।
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