राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय एंटी लेप्रसी डे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ सुशील शर्मा के सौजन्य से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सराह में मनाया गया । कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों, स्टाफ तथा आम आदमी को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक करना था।
यह जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ तरुण सूद ने बताया की ऐसे लोग जिनकी त्वचा पर हल्के रंग या तांबी रंग का दाग हो या चमड़ी के रंग में बदलाव हुआ हो या हाथ या पांव में सुनपन हो यह कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं।
अगर उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए। जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि अगर हो तो इसका इलाज सरकार द्वारा मुफ्त किया जाता है। और व्यक्ति आगे किसी भी प्रकार की विकलांगता से बच सकता है ।
स्वास्थ्य शिक्षिका अंजलि ने लोगों से आग्रह किया कि इस बीमारी को कोई दैवीय प्रकोप ना समझते हुए आम बीमारी की तरह ही ले तथा समय रहते इसका इलाज करवाएं। कुष्ठ रोगी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव ना करें।
अतः इस प्राप्त जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ साझा करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस इस बीमारी के प्रति जागरूक हो तथा समय रहते रोग का निदान एवं उपचार संभव हो सके। इस अवसर पर पोस्टर कंपटीशन भी करवाया गया तथा बच्चों को इनाम के रूप में स्मृति चिन्ह दिए गए।
स्कूल की प्रधानाचार्य सुरिंदरा कौशल ने बच्चों तथा बाकी स्टाफ से यह आह्वान किया कि कि वे कुष्ठ रोग के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें ताकि लोग इस बीमारी से ग्रसित लोगों के साथ भेदभाव ना करें क्योंकि भेदभाव करने के कारण आमतौर पर लोग इस बीमारी को छुपाते हैं तथा समय रहते हुए निदान और उपचार से वंचित रह जाते हैं।
अतः समाज में इतनी जागरुकता आ जाए की लोग इस बीमारी को न छुपाते हुए समय पर इलाज करवाए और बाकी लोगों को संक्रमित ना करें। इस मौके पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक दिनेश कुमार तथा स्कूल के सभी अध्यापक तथा बाकी स्टाफ भी उपस्थित रहा।