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क्या IGMC की अनदेखी महिला कर्मी की इज्जत पर पड़ी भारी ?

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IGMC अस्पताल में महिला कर्मी के कपड़े बदलने का वीडियो बनाए जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। मामले को लेकर सीटू ने अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। सीटू ने मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग से संज्ञान लेने और आरोपी सफाई कर्मी की घिनौनी हरकत के लिए अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन साल 2014 से लगातार अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार के सामने चेंजिंग रूम की मांग उठाती आई है। लेकिन बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार आज दिन तक चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं कर पाए। यहां तक कि जो चेंजिंग रूम है उसे बनाने में भी मात्र औपचारिकता पूरी की गई है। उसका भी ठीक ढंग से निर्माण नहीं किया गया है। इसमें महिला कर्मियों की कोई भी सुरक्षा नहीं है जिसके चलते महिला कर्मी का वीडियो बनाना संभव हो पाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में मौजूद कई चेंजिंग रूम में ठेकेदारों ने अपने कार्यालय बना रखे हैं।

उन्होंने कहा कि सीटू ने चेंजिंग रूम और दूसरी मांगों को लेकर 26 अगस्त 2021 को दोबारा अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदारों को मांग-पत्र दिया था। लेकिन इस पर भी अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदार ने कोई सामाधान नहीं किया। इसी का परिणाम है कि अस्पताल में ये कांड हुआ। इन मांगों पर 15 सितंबर को श्रम विभाग ने समझौता वार्ता बुलाकर ठेकेदारों को चेंजिंग रूम की उचित व्यवस्था करने के आदेश भी दिए थे।

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता इस बात से भी साफ झलकती है कि इस समझौता वार्ता में प्रबंधन की ओर से कोई भी शामिल नहीं हुआ। अस्पताल प्रबंधन और ठेकेदारों की गलत कार्यप्रणाली के कारण ही इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने प्रबंधन व ठेकेदारों को चेताया है कि अगर जल्द ही हर ब्लॉक में उचित चेंजिंग रूम व्यवस्था और अन्य मांगें पूरी न की गईं तो सीटू आंदोलन का बिगुल बजाएगा।