Follow Us:

‘निपाह’ वायरस से घबराएं नहीं, प्रशासन ने उठाए एहतियाती कदम..

गौरव |

हिमाचल प्रदेश में निपाह वायरस से संक्रमण का कोई भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन पर्यटन सीजन के दौरान इस तरह की किसी भी आशंका को दूर करने के लिए कुल्लू जिला प्रशासन ने कुछ ऐहतियाती कदम उठाए हैं। इस संबंध में डीसी यूनुस के निर्देश पर बुधवार को क्षेत्रीय अस्पताल में एक विशेष बैठक हुई। बैठक में विभिन्न प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर सहायक आयुक्त सन्नी शर्मा ने कहा कि पर्यटन सीजन के दौरान कुल्लू-मनाली में बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटकों की आवाजाही रहती है। इस दौरान दक्षिण भारत के राज्यों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। हालांकि, निपाह वायरस को लेकर कोई घबराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन, इस संबंध में एयरपोर्ट, वोल्वो बसों, अन्य वाहनों, होटलों-रेस्तरां या शॉपिंग सेंटरों में कुछ ऐहतियात जरूरी है, ताकि आम लोग किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आ सके।

(आगे की खब़र पढ़ने के लिए विज्ञापन के नीचे स्कॉल करें)..

बैठक के दौरान निपाह वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र ने बताया कि हाल ही में इसका संक्रमण केरल में चमगादड़ों के जूठे फलों के माध्यम से मनुष्यों में पहुंचा है। निपाह से संक्रमित व्यक्ति में आम संक्रमण जैसे तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण नजर आते हैं।

डा. सुशील ने बताया कि यह आम संक्रमण की तरह ही होता है। कम रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति वाले व्यक्ति के इसकी चपेट में आने की आशंका ज्यादा रहती है। अत अगर किसी व्यक्ति का चार-पांच दिनों तक दवाई खाने के बाद भी सर्दी-जुकाम ठीक नहीं हो रहा है तो उसे डाक्टर के पास जाना चाहिए। छींकते-खांसते समय हमेशा मुंह पर हाथ या रूमाल रखें। सर्दी-जुकाम से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में न आएं और हाथों को साफ रखें।

पक्षियों के जूठे या गले-सड़े फल बिलकुल न खाएं। कुल्लू जिला में किसी भी तरह के संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पूरे प्रबंध हैं और निपाह को लेकर सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।