शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों का पुनर्वास करने के बजाय उनके साथ मज़ाक़ कर रही है। प्रदेश में महीनों से क्रशर बंद होने की वजह से रेत-बजरी उपलब्ध नहीं है। निर्माण कार्य बिना रेत और बजरी के नहीं हो सकता है।
इस वजह से निर्माण कार्य रुके हुए हैं। आगे सर्दी का मौसम है। ऐसे में लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा में सरकार का रवैया बहुत निराशाजनक है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सर्दी का मौसम आने वाला है और ग्राम पंचायतों का काम देखने वाले ज़िला परिषद कर्मी हड़ताल पर हैं। ऐसे में मनरेगा के तहत होने वाला एक हज़ार करोड़ के काम समय पर कैसे होंगे। सरकार को आसपास राहत के विषय में गंभीरता से सोचना चाहिए।
सरकार ने तीन बार सीमेंट के दाम बढ़ा दिये, जिससे लोगों के निर्माण का खर्च और भी बढ़ गया है। इसके बाद भी प्रदेश के लोगों को समय पर सीमेंट नहीं मिला रहा है। आपदा से जूझ रहे लोगों को मनमाने क़ीमत पर भी सीमेंट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
जिससे लोगों के निर्माण कार्य रुके हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के समय में सरकार ने ऐसे निर्णय लिए हैं कि आपदा प्रभावितों के ज़ख़्म और हरे हो जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान इस समय में आपदा प्रभावितों को ज़्यादा से ज़्यादा राहत देनें का होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से सरकार का ध्यान चीजों को महंगा करके लोगों को परेशान करने का है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ज़िला परिषद के सभी कर्मचारी महीनों से हड़ताल पर हैं। चुनाव में किए गए वादे न पूरे किए जाने की वजह से वह महीनों से कोई काम नहीं कर रहे हैं। ग्राम पंचायतों के सारे काम ठप पड़े हैं। ऐसे में आपदा से निपटने के लक्ष्य कैसे हासिल होंगे।
सरकार ने एक हज़ार करोड़ रुपये मनरेगा के तहत खर्च करने की घोषणा की है। जब पंचायत का काम देखने वाले ज़िला परिषद कर्मी हड़ताल पर हैं और सामान्य काम तक नहीं हो रहे हैं तो मनरेगा के काम कैसे हो पायेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा राहत के नाम पर प्रदेश की सुक्खू सरकार लोगों को राहत पहुंचाने के बजाय हास्यास्पद तरीक़े से काम कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के इस तरह के फ़ैसलों की वजह से न तो लोगों को रेत बजरी उपलब्ध हो पा रही है और न ही सीमेंट और सरिया। प्रदेश में हज़ारों लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। हज़ारों घर रहने लायक़ नहीं बचें हैं। ऐसे में सरकार द्वारा क्रशर बंद कर देने से यह समस्या और विकराल हो गई है।
उन्होंने कहा कि क्रशर बंद करने का ख़ामियाज़ा प्रदेश के आपदा पीड़ित उठा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तो प्रदेश में बर्फ़बारी भी शुरू हो गई है ऐसे क्षेत्रों में आपदा राहत का कोई काम नहीं हुआ है। इन क्षेत्रों के आपदा प्रभावित लोग कैसे रहेंगे यह भी सोचना सरकार का काम है लेकिन सरकार ने एक बार भी इनके बारे में नहीं सोचा।
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