Follow Us:

जल जीवन मिशन के 1200 करोड़ क्यों अटके? उप-मुख्यमंत्री ने खोला राज

उप-मुख्यमंत्री ने जलशक्ति विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा की
केंद्र के पास लंबित 1200 करोड़ की राशि का मुद्दा उठाने की बात
जल आपूर्ति और परियोजनाओं में पारदर्शिता पर दिया विशेष जोर



हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज शिमला में जलशक्ति विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लंबित कार्यों को प्राथमिकता पर समयसीमा के भीतर पूर्ण किया जाए ताकि आमजन को लाभ मिल सके।

उप-मुख्यमंत्री ने जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और जल आपूर्ति की विश्वसनीयता को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता बताया। उन्होंने अधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में नियमित निरीक्षण करने और जनसमस्याओं का तुरंत समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में यह भी सामने आया कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र से 6300 करोड़ की स्वीकृत राशि में से अभी तक केवल 5100 करोड़ की राशि ही प्राप्त हुई है, और 1200 करोड़ रुपए की राशि लंबित है। इसी तरह वर्ष 2024-25 के लिए 920 करोड़ की स्वीकृति के बावजूद अभी तक सिर्फ 137 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है, जबकि 783 करोड़ अब भी लंबित हैं। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाया जाएगा।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जल शक्ति विभाग में 12 साल से सेवाएं दे रहे जल रक्षकों की स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। बैठक में जनहित योजनाओं में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

बैठक में विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने जलशक्ति विभाग की विभिन्न योजनाओं की स्थिति, बजट आवश्यकताओं और लक्ष्यों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में सचिव राखिल कहलों, वरिष्ठ सलाहकार नरेंद्र मोहन सैनी, और विभिन्न जोनों के मुख्य अभियंता तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।