कुल्लू के बंजार और आनी उपमंडल की सीमा जलोड़ीपास के साथ लगती सरेऊलसर झील क्षेत्र को ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। रघुपुर गढ़ से सरेओसर होकर लामीलांबरी तक करीब 21 किमी ट्रैक बनाया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जलोड़ीजोत से कुछ आगे तक छोटे प्रदूषण रहित वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क बनेगी। करीब दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आनी की सरेओलसर झील तक 6 किमी का पैदल सफ़र कर प्रदेश के वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सरेऊलसर पहुंच कर ये बात कही।
गौर रहे कि प्रदेश सरकार के पहले मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर है जो अधिकारियों के साथ सरेऊलसर झील पहुंचे यहां पहुंचने पर क्षेत्र के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने यहां की आराध्य माता बूढ़ी नागिन और सरेओलसर झील के दर्शन करने के बाद यहां के कारकूनों के साथ बैठक कर यहां की समस्याओं को जाना। मंत्री ने कहा कि सरेऊलसर झील को बिजली, पानी की सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। मंदिर में पर्यटकों के ठहरने के लिए अतिरिक्त सरायं भवन का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरेओलसर का नजारा किसी जनत से कम नहीं है। यहां की खूबसूरती देखकर यहां बार बार आने का मन करता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के युवाओं को ईको टूरिज्म के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर मिले सकें इसके लिए सुनियोजित ढ़ंग से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है।