Follow Us:

शिक्षा बोर्ड ने बिना अनुमति के खरीदी 35 लाख की गाड़ी, सरकार ने बोर्ड अधिकारियों को किया तलब

नवनीत बत्ता |

हिमाचल प्रदेश में जब बीजेपी सरकार बनी थी उस समय कुछ मंत्रियों और मुख्यमंत्री के लिए नई गाड़ियां खरीदने का एक पहल शुरू हुई थी। लेकिन, लगातार सरकार में चल रहे करोड़ों के घाटे के चलते मुख्यमंत्री ने इस फैसले को टर्न डाउन कर दिया था और नई गाड़ियां लेना जरूरी नहीं समझा था। उनके अनुसार प्रदेश की माली हालत पहले ठीक होनी चाहिए उसके बाद ही गाड़ी खरीदी जा सकती है।

लेकिन, हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड का 35 लाख कीमत की Fortuner गाड़ी खरीदने का कारनामा अब सरकार के गले नहीं उतर रहा है और प्रदेश सरकार ने जल्दी ही इस मामले को लेकर बोर्ड के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग से इस सारे मामले में अब जवाब मांगा है कि बिना सरकार की अनुमति के इतनी महंगी गाड़ी खरीदने की क्या आवश्यकता बोर्ड को पड़ गई। 

मिली जानकारी के अनुसार बोर्ड प्रबंधन ने एसयूवी Fortuner  गाड़ी जिसकी कीमत 35 लाख के आसपास है हाल ही में खरीदी है और इतनी महंगी गाड़ी लेने से पहले शिक्षा बोर्ड ने सरकार की किसी भी तरह की मंजूरी लेना भी जरूरी नहीं समझा। गाड़ी खरीदने के साथ ही डेढ़ लाख रुपया और खर्चा करके वीआईपी नंबर भी बोर्ड ने इस गाड़ी के लिए लिया है।

वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 35 लाख की गाड़ी शरीदना बहुत बड़ी बात है अगर 5-6 लाख रूपये की गाड़ी भी खरीदनी हो तब भी कैबिनेट से मंजूरी लेना जरूरी है। लेकिन, शिक्षा बोर्ड ने बिना मंजूरी के इतनी बड़ी गाड़ी कैसे खरीद ली इस मामले की जांच होगी

हालांकि बीते साल ही बोर्ड ने इनोवा गाड़ी खरीदी थी जो कि अभी 20000 किलोमीटर के आसपास ही चली है। मौजूदा समय में यह गाड़ी बोर्ड के धर्मशाला कार्यालय में ही है और बोर्ड का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे चेयरमैन मंडलायुक्त कांगड़ा राजीव शंकर के पास है।