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एडवर्ड स्कूल ने ड्रग्स के खिलाफ दौड़ से दी सामाजिक संदेश की मिसाल

एडवर्ड स्कूल ने ड्रग्स के खिलाफ दौड़ कार्यक्रम का आयोजन किया
100 साल पूरे होने पर शुरू की नशामुक्ति और पर्यावरण संरक्षण मुहिम
11 से 13 अक्टूबर तक होंगे कई सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रम



शिमला में स्थित प्रतिष्ठित सेंट एडवर्ड स्कूल ने अपने 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में ड्रग्स के खिलाफ दौड़ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन का नेतृत्व एडवर्ड्स संघ के अध्यक्ष राजीव सूद ने किया। दौड़ की शुरुआत हाई कोर्ट से हुई और स्कूल ग्राउंड में समाप्त हुई, जिसमें करीब 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

राजीव सूद ने कहा कि सेंट एडवर्ड स्कूल की स्थापना को 9 मार्च 2025 को 100 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, और इस ऐतिहासिक अवसर पर वर्षभर अनेक खेल, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्कूल ने फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल और दौड़ प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों में खेल भावना और समाजसेवा का संदेश दिया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समाज में नशे के खतरे से युवाओं को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। इसीलिए एडवर्ड स्कूल ने “ड्रग्स के खिलाफ एक दौड़” मुहिम शुरू की है, ताकि युवाओं को फिटनेस और खेल के जरिए इस सामाजिक बुराई से दूर रखा जा सके। राजीव सूद ने कहा कि “एक प्रशिक्षित युवा ही नशे से लड़ सकता है”, और इस दिशा में स्कूल निरंतर प्रयासरत है।

राजीव सूद ने यह भी बताया कि स्कूल अब पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा आज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। स्कूल में वेस्ट प्रोडक्ट से नई उपयोगी चीजें तैयार की जा रही हैं, और छात्रों को “ग्रीन एंबेसडर” के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे समाज में रिसाइकलिंग और पर्यावरण संतुलन के संदेश को आगे बढ़ा सकें।

उन्होंने जानकारी दी कि 11 से 13 अक्टूबर तक एडवर्ड्स संघ द्वारा विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। शनिवार को कार रैली का आयोजन होगा जिसकी शुरुआत स्कूल परिसर से होकर नलदेहरा गोल्फ कोर्स तक होगी। इस रैली में देश-विदेश से आए 315 प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें तमिलनाडु, दिल्ली, अमेरिका, शिकागो, न्यूयॉर्क, गोवा और चेन्नई से आए अतिथि भी मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम में जस्टिस दीपक गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे। एडवर्ड्स स्कूल प्रशासन ने बताया कि आगे भी इस तरह के सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यक्रमों के जरिए समाज में सकारात्मक संदेश देने की दिशा में काम जारी रहेगा।