Waste segregation at source: पर्यावरण संरक्षण, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन और पर्यावरण से संबंधित अन्य मुद्दों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और एनजीटी द्वारा समय-समय पर पारित किए गए आदेशों की अनुपालना तथा जिला पर्यावरण योजना के संबंध में गठित जिला स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक मंगलवार को एडीएम राहुल चौहान की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं सीनियर सिविल जज असलम बेग भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर एडीएम ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण योजनाएं बनाई जानी हैं। इसी के तहत राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हमीरपुर के लिए भी जिला पर्यावरण योजना का खाका तैयार किया है। इसमें ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन, बायो मेडिकल और ई-कचरा प्रबंधन, पेयजल गुणवत्ता, नदी-नालों की स्वच्छता, एयर क्वालिटी प्रबंधन तथा प्रदूषण नियंत्रण के अन्य सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
राहुल चौहान ने कहा कि सभी शहरी निकाय और अन्य संबंधित विभाग इस प्रस्तावित जिला पर्यावरण योजना का अध्ययन करें तथा अपने-अपने विभागों के कार्यों को इसमें शामिल करवाकर आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सभी शहरी निकाय ठोस एवं तरल कचरे के सही निष्पादन के लिए प्रारंभिक स्तर पर ही कचरे का पृथक्करण सुनिश्चित करें। अगर प्रारंभिक स्तर पर ही विभिन्न प्रकार का कचरा अलग-अलग होगा तो उसका निष्पादन भी सही ढंग से हो पाएगा। एडीएम ने कहा कि अब कचरा ले जाने के लिए अलग-अलग कंटेनरों से युक्त गाड़ियां भी उपलब्ध करवाई गई हैं। प्लास्टिक कचरे के एकत्रीकरण और इसे सीमेंट कारखानों या लोक निर्माण विभाग को भेजने की व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि व्यास और इसकी सहायक नदियों और खड्डों को लेकर भी एनजीटी ने कड़े निर्देश दिए हैं। इनके किनारे स्थित कचरा संयंत्रों और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों में सभी आवश्यक प्रबंध होने चाहिए।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव ने कहा कि इस संबंध में उनकी ओर से भी रिपोर्ट प्रेषित की जानी है। इसलिए, उक्त सभी साइटों एवं हॉट स्पॉट्स को प्राथमिकता के आधार साफ करवाएं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को लेकर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
बैठक में जिला पर्यावरण योजना और अन्य मुद्दों के संबंध में विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप मोदगिल ने कहा कि शहरी निकाय और संबंधित विभाग पर्यावरण से संबंधित सभी कार्यों एवं गतिविधियों की सही डॉक्यूमेंटेशन करते हुए पूरा रिकॉर्ड मैंटेन करें, ताकि न्यायालय के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।
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