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अब कचरे की बिजली से जगमगाएगा शिमला, भड़याल कूड़ा संयंत्र में बिजली उत्पादन शुरू

पी. चंद, शिमला |

शिमला कूड़े से बिजली उत्पादन करने वाला देश का पहला पहाड़ी शहर बन गया है। वायो गैसीफिकेशन के इस एनर्जी प्लांट भड़याल को शिमला का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है।  शिमला नगर निगम के भड़याल कूड़ा संयंत्र में बिजली उत्पादन शुरू हो गया है।  बिजली बोर्ड के इंजीनियर ने संयंत्र का संचालन कर रही एलिफेंट एनर्जी के इंजीनियर के साथ मिलकर बुधवार को संयंत्र का सफल ट्रायल कर लिया है।

शिमला के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का अब जल्द ही नगर निगम द्वारा उद्घाटन किया जाएगा और इसमें बिजली उत्पादन का कार्य नियमित रूप से शुरू किया जाएगा। शिमला से रोजाना 70 से 100 टन कूड़ा एकत्रित होता है। जोकि इस कूड़ा संयंत्र में भेजा जाता है। इस कूड़े से रोजाना 2.70 मेगवाट बिजली का उत्पादन होगा। जिसे प्रदेश सरकार को बेचा जाएगा।
 
नगर निगम ने कूड़े से बिजली का उत्पादन करने के लिए जर्मनी की एलीफेट एनर्जी कंपनी के साथ एमओयू साइन किया है। कंपनी कूड़े से 2.5 मैगावाट बिजली पैदा करेगी, जिसे विद्युत बोर्ड 7.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदेगा। विद्युत बोर्ड आगामी 20 वर्षों के लिए इस कंपनी से बिजली खरीदेगा। निगम ने 20 वर्षों तक प्लांट को कंपनी को लीज पर दे दिया है,  कंपनी ने प्लांट पर करीब 42 करोड़ रुपए खर्च किए गए है।

नगर निगम को मिलेगी बड़ी राहत:

शिमला में कूड़ा संयंत्र में बिजली उत्पादन से नगर निगम को भी बड़ी राहत मिलेगी और नगर निगम का खर्च भी बचेगा। अभी तक नगर निगम शिमला को भरियाल से कूड़ा प्रोसेसिंग के लिए चंडीगढ़ के डडू माजरा ले जाना पड़ता है। ऐसे में निगम को वाहन मालिकों को बतौर किराया लाखों रुपये देने पड़ रहे हैं। साथ ही निगम को चंडीगढ़ में कंपनी को कूड़ा प्रोसेस करने की ऐवज में प्रति टन 300 रुपये फीस भी देनी पड़ रही थी। रोजाना करीब 60 से 70 टन कूड़ा चंडीगढ़ भेजा जाता था, प्लांट शुरू होने से निगम के लाखों रुपये खर्च होने से बचेंगे।