मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के पंजीकृत मतदाताओं के लिए मतदान के दिन एक जून 2024 को वेतन सहित अवकाश घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अन्तर्गत प्रदेश सरकार के सभी कार्यालय जैसे बोर्ड, निगम, शिक्षण संस्थान और औद्योगिक प्रतिष्ठान इसमें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि दैनिक वेतन भोगियों के लिए भी यह सवेतन अवकाश होगा और यह नेगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंटस एक्ट 1981 की धारा 25 के तहत लागू होगा। उन्होंने कहा कि यह दिशा-निर्देश व्यापारिक एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कर्मियों पर भी लागू होंगे, जिनपर नेगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंटस एक्ट लागू नहीं होता। इस संबंध में हिमाचल सरकार द्वारा एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। यह जानकारी यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने दी।
उन्होंने कहा कि श्रम आयुक्त एवं चीफ इन्सपेक्टर ऑफ फैक्टरीज हिमाचल प्रदेश ने सहायक निदेशक कारखाना, ऊना, सोलन और प्रदेश के सभी श्रम अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। दिशा-निर्देशों के अनुसार कारखाना निरीक्षणालय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-बी के प्रावधान के संबंध में जानकारी दी है, जिसमें मतदान के दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देने का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (उपायुक्त) को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी, विशेषकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी या असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी मतदान के दिन सवेतन अवकाश मिले।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय, व्यापार, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान में कार्यरत व्यक्ति, जो लोकसभा या विधानसभा के चुनावों के दौरान वोट देने का हकदार है, को मतदान के दिन वेतन सहित अवकाश दिया जाएगा। ऐसे किसी भी व्यक्ति के वेतन में ऐसी छुट्टी के कारण कोई कटौती नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई नियोक्ता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है।