स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम वर्गों का सशक्तिकरण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के तहत क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के पात्र परिवारों को गृह निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपए प्रति परिवार प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के तीव्र निपटारे के लिए एक समुचित प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए ताकि पात्र परिवारों को योजना का समय पर लाभ सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने इस योजना के तहत नए लाभार्थियों को चिन्हित करने के भी निर्देश दिए।
डॉ. शांडिल ने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्गों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुआवजा एवं पुनर्वास का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत इसके सुचारू क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस बारे में व्यापक स्तर पर जागरूकता लाते हुए सामाजिक बदलाव की दिशा में भी सार्थक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों के उत्थान व पुनर्वास के लिए बजट का समुचित प्रावधान किया गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 23 देखभाल केंद्र/परामर्श केंद्र एवं हेल्पलाइन, 7 वरिष्ठ नागरिक सुविधा केंद्र और 11 वृद्ध आश्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने समृद्ध वर्गों सहित अन्य लोगों से इन केंद्रों के संचालन में उदारतापूर्वक योगदान देने का आह्वान किया ताकि वृद्ध लोग सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें।
उन्होंने युवाओं का भी आह्वान किया कि वे अपने परिवार में वृद्धजनों की देखरेख पर विशेष ध्यान दें ताकि उन्हें जीवन के इस पड़ाव में किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। वैश्विक स्तर के वृद्ध आश्रम स्थापित करने की महत्ता पर बल देते हुए मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस दिशा में आवश्यक कदम उठा रही है।
कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस पहल से युवाओं के कौशल में निखार लाते हुए उन्हें जीवनयापन के लिए समुचित अवसर सुनिश्चित हो रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्ट संस्थानों को शामिल करने पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार ऐसे कार्यक्रमों के लिए समुचित धन एवं आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवा रही है।
बैठक में राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न दिव्यांगता योजनाओं की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता से सम्बंधित मामलों की समय पर पहचान और जांच तथा दिव्यांगता कार्ड के प्रावधानों को और सुगम बनाया जाए ताकि लाभार्थियों को इन सुविधाओं का समुचित लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि सामाजिक कल्याण से जुड़ी इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में जिला एवं तहसील स्तर पर तैनात अधिकारियों की प्रमुख भूमिका है और ऐसे में उन्हें समर्पित भाव से कार्य करते हुए जरूरतमंदों की हरसम्भव मदद करनी चाहिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने अधिकारियों से इन योजनाओं के लिए प्रदत्त राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने को भी कहा ताकि पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करते हुए आधारभूत ढांचे का सृजन और कौशल विकास की दिशा में ठोस कार्य किया जा सके।
बैठक में इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि योजना 2023, स्वर्ण जयंती आश्रय योजना, प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (आदर्श ग्राम योजना), प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम सहित अन्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा भी की गई।
बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव एम.सुधा देवी, निदेशक प्रदीप कुमार ठाकुर, अतिरिक्त निदेशक नीरज कुमार गुप्ता सहित जिला कल्याण अधिकारी व तहसील कल्याण अधिकारी उपस्थित थे।
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