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2 महीने बाद भी रोहडू के शुभम का नहीं लग पाया कोई सुराग, पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

पी. चंद, शिमला |

शिमला के रोहडू तहसील के रहने वाले युवक शुभम का दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। मामले को गंभीरता से न लेने पर संबंधित वार्ड के जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र रेटका ने पुलिस कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। बुधवार को शिमला में हुई जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक में जिला परिषद सदस्य ने कहा कि उनके वार्ड का एक युवक पिछले करीब दो महीने से लापता है। लेकिन शिमला पुलिस दो महीने बीत जाने के बाद भी युवक को दूंढ नहीं पाई है जिसके चलते शुभम के माता पिता का रो रो कर बुरा हाल है ।

उन्होंने कहा कि शुभम का परिवार इतना गरीब है कि उन्होंने रहने के लिए किसी दूसरे के घर में डेरा डाला हुआ है। सुरेंद्र रेटका ने पुलिस से सवाल करते हुए पूछा कि क्या पुलिस गरीब परिवार की सहायता नहीं कर सकती। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले पर सीबीआई जांच करवाई जाए ताकि शुभम के परिवार को उनका खोया हुआ लापता बेटा मिल पाए।

वहीं, इस मामले पर जिला परिषद अध्यक्ष धर्मिला हरनोट का कहना है कि आज हुई बैठक में शुभम को लेकर जिला पुलिस ने पोलीग्राफ टेस्ट और नार्कोटेस्ट करने की बात कही है । उन्होंने बताया कि इस मामले पर शुभम के साथ अंतिम समय में जो युवक साथ था उसका पोलीग्राफ टेस्ट किया जा चूका है। अब उसी युवक का नार्कोटेस्ट करवाया जा रहा है । यदि फिर भी यह मामला हल नहीं होता है तो इस जिला परिषद का सदन इस मामले पर सरकार से सीबीआई की जांच करने की मांग करेगा।

बर्फबारी से निपटने में नाकाम रहा जिला प्रशासन

जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक के दौरान जिला में बर्फ़बारी के दौरान लोगों को झेलनी पड़ी सम्सयायों को लेकर भी खूब हंगामा देखने को मिला। चौपाल से जिला परिषद सदस्य डी आर हास्टा ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि बर्फबारी के दौरान जिला के लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने में प्रशासन नाकाम रहा है। जिसके चलते जिला के विभिन्न क्षेत्रों में आठ से दस दिनों तक न पानी और न ही बिजली मिल पाई है। उन्होंने कहा कि चौपाल में अभी भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां बिजली और पानी नहीं है इसके लिए प्रशासन जल्द लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करे।

वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष धर्मिला हरनोट ने भी प्रशासन से जिला में पानी, बिजली और खाने पीने की वस्तुएं पर्याप्त करने के निर्देश दिए हैं। वहीं मासिक बैठक में जिला में बढ़ते नशे के कारोबार को रोकने के लिए भी पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नशे का कारोबार रोकने के लिए पुलिस को पंचायत स्तर पर जागरुकता शिविर लगाए ताकि माता पिता भिब अपने बच्चों को इस बढ़ते कारोबार में जाने से रोकें।