<p>ढली सब्जी मंडी हिमाचल की सबसे पहली सब्जी मंडी है और इस सब्जी मंडी में हर साल 500 करोड़ का बिजनेस होता है जिसमें से सरकार को हर साल 5 करोड़ मार्किट फीस के तौर पर आता है लेकिन सरकार किसानों की दिक्कत की ओर कोई ध्यान नही दे रही है। पिछले कई सालों से ढली स्थित शिमला एवं किनौर सब्जी मंडी के विस्तार का काम नही हो पाया है, किसान और आढ़ती दोनों इसको लेकर परेशान है।</p>
<p>बरसात शुरू होते ही किसानो की मुश्किल भी बढ़ गई है। फसल तैयार होने के बाद जब किसान फसल को मंडी बेचने के लिए पहुंच रहा है तो उसे मंडी में खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। किसान अपनी फसल को खुले में भीगता देखने को मजबूर है। कारण है सब्जी मंडी में जगह की कमी।</p>
<p>ढली सब्जी मंडी प्रदेश की सबसे पहली मंडी है और प्रदेश के 5 जिलों के किसान अपनी फसल को बेचने के लिए यंहा पर लाते है लेकिन मंडी की हालत बेहद ही खस्ता है। मंडी में जगह की कमी के कारण किसान की फसल खुले में रखनी पड़ती है जिस वजह से फसल भीग जाती है। भीगने के बाद फसल ख़राब होने से किसानों को फसल के उचित दाम नहीं मिल पाते।</p>
<p>मंडी की अव्यवस्था का शिकार किसानों के साथ साथ आढ़ती भी हो रहे है। आढतियों का कहना है कि हर साल सरकार को लगभग 5 करोड़ का मुनाफा देने वाली इस मंडी की तरफ सरकार कोई भी ध्यान नही है। सरकार को कई बार इस समस्या के बारे में बताया गया लेकिन अभी तक हालात जस के तस बने हुए हैं। हालांकि पूर्व सरकार ने पिछले साल मंडी के विस्तार का शिलान्यास जरूर किया था लेकिन 10 महीने बीत जाने पर भी काम शुरू नहीं हो पाया है।</p>
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