<p>हिमाचल प्रदेश में 17 निज़ी विश्वविद्यालय और 177 निज़ी कॉलेज हैं। कुछ को छोड़ दिया जाए तो इन निज़ी शिक्षण संस्थानों में अनियमितताओं का फर्जीवाड़ा चल रहा है। हिमाचल निज़ी शिक्षण नियामक आयोग के नवनियुक्त चैयरमेन मेजर जरनल अतुल कौशिक का कहना है कि आयोग के पास हाल ही में 150 शिकायतें पहुंची हैं। इन शिकायतों में ट्यूशन फ़ीस ज़्यादा लेने के बारे में, शिक्षकों को वेतन नहीं देने, मूलभूत सुविधाओं की कमी के अलावा एग्जाम न करवाने को लेकर हैं।</p>
<p>उनका कहना है कि बाहरा यूनिवर्सिटी और बद्दी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को कई माह से वेतन नहीं दिया गया। इन दोनों यूनिवर्सिटी को तलब किया गया है। मानव भारती यूनिवर्सिटी में फ़र्ज़ी डिग्री मामले के आने के बाद वहां एक एडमिनिस्ट्रेशन नियुक्त किया है वह व्यवस्थाओं को देखेगा। यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों को लेकर सरकार अंतिम फ़ैसला लेगी। क्योंकि मानव भारती यूनिवर्सिटी में 1500 छात्र पड़ रहे हैं।</p>
<p>मेजर अतुल ने बताया को अब सभी यूनिवर्सिटीज को पूरी तरह से ऑनलाइन डेटा करना होगा। छात्रों से लेकर शिक्षकों और डिग्रियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग आयोग करेगा। अभी तक यूनिवर्सिटीज डाटा को छुपाती रही है। निज़ी शिक्षण संस्थानों में मनमानी चरम पर है। आयोग के पास मेन पावर की कमी है जिसको शीघ्र पूरा किया जाएगा। शिमला के हेरिटेज इंस्टिट्यूट और बेल्स इंस्टिट्यूट पर भी कर्यवाही की जा रही है।</p>
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