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हिमाचल में किसानों का विधानसभा घेराव, जोरदार प्रदर्शन

  • किसानों और बागवानों का विधानसभा के बाहर बेदखली के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन।
  • मुख्यमंत्री सुक्खू पहुंचे प्रदर्शन स्थल, कहा— सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
  • किसान नेता राकेश सिंघा ने चेतावनी दी— अपनी जमीन किसी भी हाल में नहीं छोड़ेंगे।

CM Sukhu’s Assurance to Farmers: हिमाचल प्रदेश में किसानों और बागवानों की जमीनों से बेदखली के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है। बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हजारों किसानों और बागवानों ने शिमला में प्रदर्शन किया। विधानसभा का घेराव करते हुए उन्होंने जोरदार नारेबाजी की और सरकार से बेदखली के फैसले को वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं किसानों के बीच पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने कहा, “मैं खुद किसान परिवार से आता हूं और किसानों का दर्द समझता हूं। सरकार किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं होने देगी।”

मुख्यमंत्री के साथ बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी मौजूद थे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को शांत किया और कहा कि सरकार उनकी सभी मांगों पर विचार करेगी।

किसान नेताओं का आक्रोश

पूर्व विधायक और किसान नेता राकेश सिंघा ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब किसानों की रोजी-रोटी पर खतरा मंडरा रहा है। “कोर्ट के आदेशों की आड़ में किसानों को बेदखल किया जा रहा है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

सिंघा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “चाहे सरकार हमारी रक्षा करे या न करे, हम अपनी रक्षा खुद करेंगे। किसान अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे और सरकार को हमारी रक्षा करने के लिए मजबूर कर देंगे।”

किसानों का कहना है कि सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी जमीनें उनके पास सुरक्षित रहें।