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हिमाचल में ‘आफत’ बनकर बरस रहा मानसून! भूस्खलन और बाढ़ से 5 मौतें, 5 लापता

हिमाचल प्रदेश में मानसून कई जिलों में आफत बन कर बरस रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। भारी बरसात से कई जिलों में भूस्खलन, बादल फटने के बाद बाढ़ की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो रही है, तो कई जगह सड़कें, बिजली ट्रांसफार्मर और पानी की स्कीमें बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

पी.चंद |

हिमाचल प्रदेश में मानसून कई जिलों में आफत बन कर बरस रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। भारी बरसात से कई जिलों में भूस्खलन, बादल फटने के बाद बाढ़ की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो रही है, तो कई जगह सड़कें, बिजली ट्रांसफार्मर और पानी की स्कीमें बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शिमला, कुल्लू और किनौर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने शिमला, चम्बा और सिरमौर जिलों में अगले 24 घण्टों के दौरान बाढ़ आने की चेतावनी दी है। समूचे प्रदेश में 10 जुलाई तक मानसून की भारी बारिश होने की आशंका है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को वर्षा जनित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग लापता हैं। कुल्लू जिला की छोज पंचायत में बादल फटने के बाद आये बाढ़ के सैलाब में पांच लोग लापता हो गए हैं। एक महिला का शव मलाणा में बरामद हुआ है। कई मवेशी भी बाढ़ में बह गए। फ्लैश फ्लड से मलाणा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है। प्रोजेक्ट का भवन क्षतिग्रस्त होने से 25 से 30 कर्मी फंस गए। हालांकि रेस्क्यू टीमों ने सभी को सुरक्षित निकाल लिया। शिमला में भूस्खलन व बहने से दो लोग मारे गए। उपनगर ढली में भूस्खलन की चपेट में आने से 14 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार बारिश से राज्य में 21 सड़कें, 75 ट्रांसफार्मर और 17 पेयजल योजनाएं बंद हैं। कुल्लू में सबसे अधिक 13 सड़कें और 43 ट्रांसफार्मर बंद रहे। बारिश से राज्य में चार कच्चे-पक्के मकान, एक दुकान और सात गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं। मानसून सीजन में अब तक 4751.12 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है।

इस बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सभी उपायुक्तों व अधिकारियों को भूस्खलन और अन्य तरह की आपदा के दृष्टिगत संभावित स्थलों में पर्याप्त संख्या में लोग व मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए हैं।

बीते 24 घण्टों के दौरान तत्तापानी में सर्वाधिक 103 मिलीमीटर बारिश हुई है। इसके अलावा बरठीं में 95, सुन्नी में 90, मशोबरा में 82, कुफरी में 81, बरठीं एग्रो में 79, बलद्वारा में 78, काहू में 77, धर्मशाला में 76, झंडूता में 70, बिलासपुर में 63, नारकंडा में 62, शिलारू व रेणुका में 57-57, मनाली में 55, रामपुर व पालमपुर में 52-52, घुमारवीं में 50, जुब्बड़हट्टी में 48 और नैना देवी में 47 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

मानसून के कहर से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने पूर्वानुमान जारी कर अगले चार दिन तक भारी बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। सात जुलाई को येलो, आठ व नौ जुलाई को ऑरेंज और 10 जुलाई को दोबारा येलो अलर्ट है।