हमीरपुर: सर्दियों में फलदार पौधों को कोहरे से बचाने के लिए उद्यान विभाग ने विशेष ऐहतियात बरतने की सलाह दी है। उद्यान विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि कोहरे से छोटे फलदार पौधे और बड़े पेड़ काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं। इससे बागवानों को काफी नुक्सान हो सकता है। उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में कोहरे के दुष्प्रभाव और कम तापमान के कारण पौधों की कोशिकाएं पानी के जमाव से फट जाती हैं तथा क्षतिग्रस्त भी हो जाती हैं। इससे पौधों की बढ़ोतरी तथा पैदावार पर प्रतिकूल असर होता है। फूल झड़ऩे लगते हैं और फल खराब हो जाते हैं। आम, लीची, पपीता, अमरूद और नींबू प्रजाति के पौधे कोहरे से प्रभावित होते हैं। ज्यादा कोहरा पडऩे से आम के पौधे सूख जाते हैं। बाकी फलदार पौधों में भी वृद्धि कम हो जाती है और आने वाले सीजन में फूल कम आते हैं तथा पैदावार घट जाती है।
राजेश्वर परमार ने बताया कि प्रदेश में कई दिनों से बारिश न होने से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इससे कोहरा पडऩे की आशंका बढ़ गई है। उपनिदेशक ने जिला के बागवानों को कोहरे से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों के लिए उन्हीं फलदार पौधों का चयन करना चाहिए जिनमें कोहरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता हो। छोटे फलदार पौधों को विशेष देखभाल की जरुरत होती है। इन पौधों को सरकंडा घास, सूखी मक्की के डंठल या बोरी इत्यादि की छत बनाकर ढक देना चाहिए। यह भी ध्यान रखें की दक्षिण-पूर्व दिशा धूप व हवा के लिए खुली हों। इसके अलावा कोहरा पडऩे की आशंका के चलते पौधों में हल्की सिंचाई के साथ-साथ पानी का छिडक़ाव करना चाहिए, ताकि बागीचों का तापमान 1-2 डिग्री सेल्सिस तक बढ़ाया जा सके।
शाम के समय सूखे अवशिष्ट, घास तथा सूखे पतों को जला कर धुआं पैदा करके बागीचे का तापमान बढ़ाया जा सकता है। फलदार पौधों की नर्सरियों मुख्यत आम की नर्सरी को कोहरे के प्रभाव से बचाने हेतु पौधशालाओं को नाइलोन की छायादार जाली (50 प्रतिशत छाया) से ढक देना चाहिए। फलदार पौधों में अनुमोदित मात्रा में पोटाश खाद देने से उनकी कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है।
उपनिदेशक ने बताया कि बड़े फलदार पौधों के तनों में वोर्डो मिक्सचर (एक किलो कॉपर सल्फेट, एक किलो अनबुजा चूना, 1-3 लीटर अलसी का तेल) या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का मिश्रण बनाकर जमीन से डेढ़-दो फुट तक तनों पर लेप लगाना चाहिए। राजेश्वर परमार ने बताया कि कोहरे से होने वाले नुक्सान को बागीचों में बेहतर प्रबंधन से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए जिला के बागवान उद्यान विभाग के नजदीकी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
AICC observers in Himachal Pradesh: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस…
Kangra District disaster management: हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कांगड़ा जिला को स्वयंसेवियों के…
Karcham-Sangla-Chitkul Road: जनजातीय जिला किन्नौर में चीन सीमा से सटी और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण…
Baba Balak Nath Temple Trust: पहले राशन घोटाला फिर बकरा निलामी पर किरकिरी और…
CPI(M) protest in Hamirpur: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने हमीरपुर में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, बिजली,…
Hati community tribal status: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने के…