<p>जिला कांगड़ा के जवाली विधानसभा क्षेत्र की हरनोटा पंचायत अब दलदली में डूबती हुई नजर आने लगी है। हरनोटा पत्तन के मनोज नामक युवक ने अपने अन्य साथियों सहित हरनोटा पंचायत के एक घिनौने फजीर्बाड़े को उजागर किया है। जिसे जानकर सभी दंग रह गए हैं। मामला यह था कि एक हरनोटा निवासी सरदार अली जिसकी मृत्यु 23 जनवरी 2011 में हो चुकी थी। लेकिन 2017 में भूमि कटाव हेतु एक डंगे के निर्माण में उस मृतक सरदार अली जिसका जॉब कार्ड नंबर 157 के तहत दिहाड़ी लगाते हुए दशार्या गया। इस जॉब कार्ड पर तीन नाम थे। सरदार अली, जरीना बीबी, सदीक मुहम्मद लेकिन सरदार अली की मृत्यु के बाद अब जरीना बीबी और सदीक मोहम्मद का नाम ही दर्ज़ है।</p>
<p>जानकारी के अनुसार मस्टररोल नंबर 1314 में जॉब कार्ड 157 के तहत मृतक सरदार अली औऱ उसकी पत्नी जरीना बीबी का नाम दर्ज़ है। जरीना बीबी बिल्कुल अनपढ़ है और इसके हस्ताक्षर भी फर्जी किये हुए लगते है । इतना ही नहीं मस्टररोल नंबर 1509 में भी उपरोक्त सरदार अली का नाम दर्ज़ है। इन दोनों मस्टरोलों में भी अन्य मजदूरों के हस्ताक्षर फर्जी किये हुए हैं। इस बारे में जब पंचायत हरनोटा के प्रधान जगदीश चंद से पूछा तो उन्होंने बताया कि सरदार अली मृतक व्यक्ति नहीं यह और व्यक्ति है। जब अन्य व्यक्ति की परिवार रजिस्टर को टटोला तो उसका नाम सरदार अली दर्ज है और आधार कार्ड पर भी सरदार अली दर्ज है। सरदार अली का जॉब कार्ड नंबर 25 है। बड़ी हैरानी की बात है कि मृतक व्यक्ति सरदार अली की दिहाडियों के पैसे किसके खाते में डाले गए और कैसे निकाले गए? यह संदेहपूर्ण किस्सा है।</p>
<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>बार्ड नंबर-1 के सदस्य के सिर पर फोड़ा फर्जीवाडे का ठीकरा</strong></span></p>
<p>इसके बाद प्रधान ने सारा ठीकरा पंचायत बार्ड नंबर 1 के मैम्बर करतार सिंह के सिर पर फोड़ा कहा कि मस्टररोल बार्ड मैम्बर के पास रहता है और हाजरियां भी बार्ड मैम्बर ही लगाता है। इसका जिम्मेवार बार्ड मैम्बर ही है। बार्ड मैम्बर ने कहा कि कभी-कभी प्रधान भी मजदूरों की दिहड़ियां लगाता था। इससे साफ जाहिर होता है कि यह सब मिलिभक्ति से ही खेल खेला जा रहा था। इसके साथ प्रधान ने पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सेवक पर आरोप लगाया कि जॉब कार्ड ग्राम रोजगार सेवक बनाता है और मजदूरों के नाम भी जीआरएस ऑनलाइन करता है। मजदूरों के खाते में पैसे भी जीआरएस ही डालता है।</p>
<p>इस बारे पंचायत सचिव ने कहा कि मुझे इस बारे कोई पता नहीं है। लेकिन जीआरएस ने कहा कि मेरे पास प्रधान औऱ वार्ड मैम्बर की तरफ से मजदूरों की लिस्ट मिलती है उसे ही हम ऑनलाइन करते है। हमें मजदूरों के नाम का कोई पता नहीं होता। प्रधान की तरफ से मिली नाम की लिस्ट और बैंक खाते में ही मजदूरों के पैसे ऑनलाइन किये जाते हैं। शिकायतकतार्ओ ने पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है कि इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए ताकि अन्य पंचायतों को भी सबक मिले।</p>
<p> </p>
निर्वाचन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि संसदीय क्षेत्रों के 51 उम्मीदवारों…
धर्मशाला, 15 मई: जिला निर्वाचन अधिकारी डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि कांगड़ा चंबा…
जयपुर: द फ्यूचर सोसाइटी के अभियान "जेंडर सेंसिटिव राजस्थान" के तहत 15 मई, बुधवार को…
केंद्र सरकार ने CAA लागू करने के बाद पहली बार 300 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता…
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पेंशनर और वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ के साथ…
बीजेपी मुद्दों पर लड़ रही चुनाव, ओछी राजनीति कर रही कांग्रेस, कांग्रेस में नेतृत्व और…