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आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने कोरोना योद्धाओं को सिखाये तनाव और डिप्रेशन से दूर रहने के गुर

<p>कोविड-19 महामारी ने पूरे देश में अपने पैर पसार लिए हैं। डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और मीडिया कर्मी और सफाई कर्मी आज देश में नायक के रूप में उभरे हैं जो जरूरतमंद की सेवा कर रहे हैं। यह सभी कोरोना योद्धा भोजन, आराम, नींद, सुरक्षा और परिवार&nbsp; जैसे बुनियादी चीजों से अपने आप को दूर रखकर वायरस से जुड़ते नजर आ रहे हैं। इन सभी को महामारी के प्रकोप के दौरान कई तरह के शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा&nbsp; है। इन सभी कोरोना वायरस योद्धाओं को तनाव से दूर रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा पूरे देश में ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी जून माह में निशुल्क योगा,&nbsp; प्राणायाम, ध्यान और स्वसन क्रिया सिखाई गई।</p>

<p>इस चार दिवसीय शिविर में पूरे हिमाचल से राजस्व विभाग, पुलिसकर्मी, मीडिया कर्मी, सफाई कर्मी और स्वास्थ्य कर्मी सभी ने सभी वर्गों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और इसका लाभ उठाया। इस चार दिवसीय शिविर में ऑनलाइन ऐप के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग के गुर सिखाए गए। जिसमें सूर्य नमस्कार, विभिन्न आसन, बॉडी रोटेशन इत्यादि सिखाया गया और&nbsp; मानसिक और भावनात्मक शांति के लिए प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम और एक लाइव सुदर्शन क्रिया सिखाई गई जो कि तनाव, चिंता, अवसाद, अनिद्रा, क्रोध और भय जैसे नकारात्मक&nbsp; भावों को सांसो के माध्यम से दूर करती है।&nbsp; &nbsp;</p>

<p>आर्ट आफ लिविंग के उप राज्य मीडिया प्रभारी&nbsp; जी.एल.वर्मा ने बताया कि योग, प्राणायाम और लयबद्ध स्वसन क्रिया के माध्यम से&nbsp; रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं, मानसिक शांति मिलती है और एक नई ऊर्जा का संचार होता है, एक सकारात्मकता का उद्भव होता है। इस शिविर में भाग लेने वाली डॉ दीक्षा ने अपना अनुभव सांझा करते हुए कहा कि इस कोर्स को करने से 4 दिन में उनके भीतर मानसिक शांति और स्थिरता आई हैं और एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। डॉक्टर प्रियंका का कहना है कि इस कोर्स के माध्यम से उनके चेहरे पर जो मुस्कान थी वह वापस लौटी है। एक नया विश्वास और उत्साह जागा है और एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार हुआ है।</p>

<p>इसके अलावा आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा&nbsp; बच्चों के लिए, टीनेजर्स के लिए और सभी वर्गों के लिए विभिन्न कोर्स&nbsp; ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं। जिसके माध्यम से इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाया जा सके और एक सकारात्मकता लाई जा सके। कोरोना के इस प्रकोप से उत्पन्न अवसाद और तनाव से बचने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षकों और स्वयंसेवी द्वारा सुबह से शाम तक ऑनलाइन प्रोग्राम, सत्संग, इंटरएक्टिव सेशन&nbsp; और नॉलेज सेशन लोग के साथ किए जा रहे हैं।&nbsp; जिसके माध्यम से लोगों में जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।</p>

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