फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. अभिनव श्रीवास्तव तथा डॉ. अतीत गावलकर के नेतृत्व में कार्डियोलॉजी टीम इंट्रावास्कुलर लिथोट्रिप्सी बैलून (आईवीएल) तकनीक के इस्तेमाल से ह्रदय रोग पीड़ित मरीजों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
डॉ. अभिनव ने बताया कि यह तकनीक फोर्टिस कांगड़ा में पिछले एक साल से अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि लिथोट्रिप्सी तकनीक द्वारा ब्लॉकेज को हटाना एक बहुत सरल प्रक्रिया है, जिससे ओपन हार्ट सर्जरी से भी बचा जा सकता है।
डॉ. अभिनव ने बताया कि फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में बहुत से मरीजों का इस उन्नत तकनीक द्वारा कैल्सिफाइड ब्लॉकेज को हटाया गया। इंट्रावास्कुलर लिथोट्रिप्सी बैलून (आईवीएल) के शॉकवेव्स द्वारा कैल्शियम को तोड़ा जाता है और फिर स्टेंटिंग की जाती है। सभी मरीजों का इलाज इमेजिंग (इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड) के तहत किए गए थे। इस तकनीक द्वारा उपचार के बाद मरीज को दो दिन बाद छुट्टी दे दी जाती है।
फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा के मैनेजमेंट रिप्रेजेंटेटिव दीपक लट्ठ ने कहा कि अस्पताल बेहतरीन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा का लक्ष्य प्रदेश में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि मरीजों को बाहरी राज्यों का रूख न करना पड़े और उन्हें अत्याधिक आर्थिक हानि से भी बजाया जा सके। दीपक लट्ठ ने कहा कि फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा में हिमकेयर के तहत निःशुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध है।