फोर्टिस कांगड़ा के कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ. निखिल ने IVL तकनीक से दी मरीज को राहत
फोर्टिस अस्पताल के कार्डियोलाॅजी विभाग में डाॅ. निखिल के नेतृत्व में इंट्रावास्कुलर बैलून (आईवीएल) तकनीक की मदद से पैर की सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी की। डाॅ. निखिल ने बताया कि मरीज को पिछले कुछ माह से पैर में दर्द हो रहा था और यह धीरे-धीरे बढ़ रहा था। इस दर्द की वजह से उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत आनी शुरू हो चुकी थी।
फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ निखिल मरीज की टांग की एंजियोग्राफी में पाया कि मरीज की आर्टरी में ब्लाॅकेज के साथ-साथ भारी मात्रा में कैल्शियम भी था। ऐसी कैल्सिफाइड ब्लाॅकेज को सामान्य बैलून द्वारा नहीं तोड़ा जा सकता और न ही उसका विस्तार हो पाता है। इंट्रावास्कुलर लिथोट्रिप्सी बैलून (आईवीएल) के शाॅकवेव द्वारा कैल्शियम को तोड़ा गया और पैर की आर्टरी को सफलतापूर्व खोला गया। इस सर्जरी के अगले ही दिन मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब मरीज का पैर बिलकुल ठीक है और उसे चलने-फिरने में कोई परेशानी नहीं है।
फोर्टिस कांगड़ा के कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ निखिल ने कहा कि नसों मे ब्लाॅकेज को हल्के मे नहीं लेना चाहिए। ऐसी स्थिति मे मरीज को सही समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर से उपचार लेना आवश्यक होता है।
फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के कार्डियोलाॅजी विभाग में हार्ट अटैक का इलाज, दिल की बंद नसों का इलाज, दिल की समस्त बीमारियों का इलाज, हार्ट फेल्यर का इलाज एवं एंजियोग्राफी, पेसमेकर, ईको, टी.एम.टी तथा होल्टर की सुविधाएं उपलबध हैं।