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मोसूल से अवशेष बन लौटे हिमाचल के बेटे, अंतिम संस्कार में उमड़ा हुजूम

बिट्टु सूर्यवंशी |

इराक के मोसूल में मारे गए 4 युवकों का उनके पैतृक गांव में पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। ताबूतों को खोलने की इजाजत नहीं थी, इसलिए ताबूतों के साथ ही अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया।  हर तरफ चीख पुकार गूंज रही थी। 4 साल के लंबे इंतजार के बाद परिजन अपने बेटों का मुंह भी नहीं देख पाए।

फतेहपुर:

फतेहपुर के कस्बा धमेटा के ईराक के मोसुल में मारे गए संदीप राणा का अंतिम संस्कार किया गया। संदीप के माता- पिता ने अपने बेटे को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। उन्होंने कहा कि जवान बहू और छोटे बच्चों पुलकित (10)  रुद्राक्ष (6) का जीवन-यापन कैसे होगा। संदीप के नाबालिग बेटा-बेटी अभी भी टकटकी आंखों से पापा के आने का इंतजार कर रहे हैं।

सुंदरनगर:

सुंदरनगर के वॉयला के रहने वाले हेमराज का भी पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मंगलवार सुबह उनके अवशेष पैतृक गांव पहुंचे थे। अवशेष को देखते ही गांव में आंसूओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हेमराज का शव जिला प्रशासन द्वारा घर पर पहुंचाया गया था।   

लंज:

लंज में इंदरजीत के घर उनके अवशेषों को पहुंचने के बाद पूरे परिवार व क्षेत्र में माहौल गमहीन हो गया। इंदरजीत का पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। उसके भतीजे आयुष (8 साल) ने मुखाग्नि दी।

पासु:

पासु के अमन के अवशेषों के अंतिम संस्कार के समय सबकी आंखें नम थी। ताबूत को खोलने की इजाजत नहीं थी। इसलिए इसके साथ ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरा पासु क्षेत्र अमन के अंतिम संस्कार के समय गमगीन था। 4 साल के लंबे इंतजार के बाद परिजन अंतिम बार अमन का मुंह भी नहीं देख पाए। पूरे विधि विधान के साथ उसके अवेशष का अंतिम संस्कार किया गया।