➤ शिमला में गांधी और शास्त्री जयंती पर राज्यपाल व सीएम ने अर्पित की पुष्पांजलि
➤ रिज मैदान और सीटीओ चौक पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित
➤ गांधीजी और शास्त्रीजी के आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर पूरे देश में श्रद्धा और सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में शिमला में भी आज ऐतिहासिक रिज मैदान स्थित गांधी प्रतिमा और सीटीओ चौक पर स्थापित शास्त्री प्रतिमा पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, उनकी पत्नी जानकी दास शुक्ला, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित अन्य गणमान्य लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर देश के प्रति दोनों महापुरुषों के अमूल्य योगदान को याद किया गया।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि आज के दिन भारत को दो ऐसे फूल मिले थे जिन्होंने पूरे राष्ट्र को खुशबू से महका दिया। एक का नाम अमन यानी महात्मा गांधी और दूसरे का नाम जय जवान-जय किसान के प्रणेता लाल बहादुर शास्त्री है। राज्यपाल ने कहा कि गांधीजी ने अपने जीवन में सत्य, अहिंसा और स्वच्छता को अपनाया और इन्हें जीवन का मूल मंत्र बनाया। उन्होंने प्रदेशवासियों से दोनों महापुरुषों के सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करने का आग्रह किया और विजयदशमी की शुभकामनाएं भी दीं।
वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गांधीजी ने देश की आज़ादी के लिए अपने सुख-सुविधाओं का त्याग किया और अहिंसा के मार्ग पर अत्यधिक संघर्ष किया। उन्होंने गरीबी और असमानता को करीब से देखा और दुनिया को सत्याग्रह का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने शास्त्री जी के नारे जय जवान, जय किसान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने आत्मनिर्भरता और समानता का संदेश देकर समाज को नई दिशा दी। सुक्खू ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे गांधी-शास्त्री के बताए मार्ग पर चलें, अच्छाइयों को अपनाएं और बुराइयों से दूर रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नशाखोरी और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इसके लिए एंटी-नशा फोर्स, एंटी-कमांडो फोर्स और जीरो टॉलरेंस नीति लागू की गई है, ताकि युवाओं को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण मिल सके।
इस अवसर पर सुबह प्रभात फेरी भी आयोजित हुई, जिसके माध्यम से गांधी और शास्त्री जी के संदेश आम जनता तक पहुँचाए गए।



