नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल महाविद्यालय हमीरपुर में एनएसयूआई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय की ओर से छात्राओं को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया.
संगठन का कहना है कि सबसे पुराने जिला मुख्यालय स्थित इस कॉलेज में हैरानी की बात यह है कि बीसीए की केवल 40 सीटें ही हैं. इस कॉलेज के बाद नादौन, बड़सर, कंजयाण कॉलेजों को बनाया गया जबकि वहां 60 से लेकर 90 सीटें हैं.
संगठन के प्रदेश महासचिव टोनी ठाकुर का कहना है कि कॉलेज में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है कॉलेज प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा. ठाकुर का कहना है कि कॉलेज में पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है यहां पानी पीने से बीमारियां फैलने का डर स्टूडेंट्स में बना हुआ है. इस कॉलेज में की विषयों के टीचर ही नहीं हैं. जिसमें पोल साइंस, एमए पोल साइंस, एमए हिस्ट्री, पब्लिक एड सहित कुछ विषय है जिनके टीचर ही ना होने के कारण स्टूडेंट्स को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है लेकिन इन पदों को तुरंत नहीं भरा जा रहा. जिसका खामियाजा स्टूडेंट्स को एग्जाम में उठाना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि यदि जल्द से जल्द सरकार और कॉलेज प्रशासन ने इन समस्याओं का हल नहीं निकाला तो संगठन उग्र आंदोलन शुरू कर देगा. कॉलेज परिसर के बाहर मेन गेट के पास संगठन से जुड़े छात्रों ने जमकर नारेबाजी की.
ठाकुर ने कहा कि इतना पुराना कॉलेज होने के बावजूद भी वह यहां सैकड़ों की तादाद में स्टूडेंट्स शिक्षा लेने को पहुंचते हैं लेकिन मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो तो उन्हें इसका खामियाजा उनके शिक्षा पर पड़ता है. संगठन ने कॉलेज प्रशासन को भी चेतावनी दी है कि यह सांकेतिक धरना इसलिए दिया गया है इसके बाद जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.