सीटू ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सरकार को मजदूर विरोधी करार दिया है। सीटू ने आरोप लगाया है कि सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही मजदूरों के हितों को खत्म करने का काम किया है और श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत मनरेगा मजदूरों को मिलने वाले लाभों को सरकार ने बंद कर दिया है
ऐसे में सरकार एक साल का जश्न मना रही है और खुद को जनता का हितेशी बता रही है। सीटू ने शिमला डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड के दायरे से बाहर निकालने पर आदेशों की कॉपी को जलाया और बजट सत्र के दौरान विधान सभा घेराव की चेतावनी दी।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने सरकार पर आरोप लगाया कि सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत मनरेगा मजदूरों को मिलने वाली वित्तीय सहायताओं को खत्म कर दिया है जिससे प्रदेश के अढाई लाख मजदूर प्रभावित हो रहे हैं। सरकार इसके पीछे केंद्र का हवाला दे रही है लेकिन प्रदेश सरकार चाहे तो केंद्र के आदेशों को नहीं मान सकती थी बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने का निर्णय लिया है
जिसका सीटू विरोध करती है। आने वाले समय में सीटू इसको लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगी और 2024 में होने वाले बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा जिसमें सभी ट्रेड यूनियन मिलकर सरकार का घेराव करेगी। लंबे संघर्ष के बाद कोर्ट के आदेशों पर कोर्ट के आदेशों पर मजदूरों के हितों के लिए श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है और सुक्खू सरकार इसको खत्म करने की साजिश कर रही है जो बर्दाश्त नहीं होगा।प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी केंद्र की भाजपा की नीतियों की तरह ही जनविरोधी निर्णय ले रही है जिसका मजदूर विरोध कर रहे हैं।