हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के बाद सरकार ने निर्माण कार्यों को लेकर नियमों में सख्ती करने का निर्णय लिया है। सरकार ने राजधानी शिमला में भी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया हुआ और शिमला के आसपास के कुछ क्षेत्रों को ग्रीन एरिया में लाने की सरकार तैयारी कर रही है।
राजधानी में ग्रीन एरिया पर निर्माण कार्य में ढील देने को लेकर चली खबरों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ किया है कि फिलहाल ग्रीन एरिया में निर्माण कार्यों पर छूट नहीं दी है। यह बात मुख्यमंत्री ने ओक ओवर में अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित जागरूकता रैली को रवाना करने के दौरान कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला डेवलपमेंट प्लान मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन चल रहा है ऐसे में शिमला में निर्माण को लेकर किसी भी तरह की अनुमति देना प्रदेश सरकार के अधिकार से बाहर है। उन्होंने कहा की उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर पूर्व सरकार ने शिमला डेवलपमेंट प्लान उच्च न्यायालय में पेश किया था जिस पर वर्तमान सरकार पुनर्विचार करके और अधिक सख्ती करने जा रही है।
प्रदेश सरकार प्रदेश में 5 से 6 नए क्षेत्रों को ग्रीन फील्ड घोषित करने जा रही है और इसको लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से सबक लेते हुए भविष्य की चुनौतियों को लेकर तैयार रहना चाहिए। सरकार निर्माण की दृष्टि से नियमों को सख्त कर रही है और नालों से 5 मीटर और खड्ड से 7 मीटर की दूरी कम से कम रखने का भी फैसला किया है।
वीओ: वहीं CPS मामले में सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि CPS मामला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है और जहां तक बात सरकार के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की है तो इस तरह की कोई बात नहीं है।