<p>प्रदेश सरकार जनता के बहुमूल्य संसाधनों विशेष तौर पर भूमि को पूंजीपतियों, बड़ी कंपनियों और भू-माफिया को बेचने की फिराक में है। इसी के चलते सरकार हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू सुधार कानून, 1972 की धारा 118 में संशोधन करने की चेष्टा कर रही है।</p>
<p>प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा कि बिल में संशोधन करने का ऐलान की मानसिकता प्रदेश की जनता की सम्पत्ति कोड़ियों के भाव बेचकर पूंजीपतियों और भू-माफिया का मुनाफा बढ़ाया जाना है। सीपीएम मांग करती है कि प्रदेश सरकार धारा 118 में संशोधन करने का प्रयास न करें और इस पर कोई निर्णय न ले। सीपीएम इस प्रकार के जनविरोधी किसी भी निर्णय का विरोध करेगी, क्योंकि ये निर्णय प्रदेश की जनता विशेष तौर पर गरीब जनता के अधिकारों पर हमला होगा।</p>
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