मजदूर संगठन सीटू के हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक मंडी में आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मैहरा ने की और राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कश्मीर सिंह ठाकुर विशेष तौर पर बैठक में उपस्थित हुए.
बैठक में आंगनवाड़ी, मिड डे मील, मनरेगा और निर्माण मज़दूरों, रेहड़ी फहड़ी, आउटसोर्स, फोरलेन, सफाई, सीवरेज, इंडस्ट्री, सीमेंट, होटल और पानी बिजली तथा बीआरओ मजदूरों की मांगों बारे चर्चा की गई और इन्हें हल करवाने के लिए राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष छेड़ने का निर्णय लिया गया.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री नर्सरी में भर्ती करने की मांग को लेकर नई सरकार बनने पर मुद्दा उठाया जाएगा और उससे पहले वरकरों को यूनियन में सदस्य बनाने के लिए माह दिसंबर और जनवरी में अभियान चलाया जाएगा.
मनरेगा में 120 दिनों का रोजगार और 350रु मजदूरी देने के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभों को बहाल करने के लिए बोर्ड कार्यालय की घेराबंदी माह मार्च में की जायेगी. जिसकी योजना 25 दिसंबर को हमीरपुर में होने वाली राज्य कमेटी की मीटिंग में बनाई जायेगी. सीटू नई सरकार के समक्ष ऑउटसोर्स मजदूरों के लिए नीति बनाने के लिए मांग उठाएगी.
मीटिंग में आगामी 2 दिसंबर को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जायेगा. 6 जनवरी को आंगनवाड़ी, मिड डे मील और आशा वरकरों की यूनियनें अपने अपने क्षेत्र के सांसद/एमपी कार्यालय तक मार्च करेंगे और उन्हें मांग पत्र सौंपेंगे.
इसके अलावा 5 अप्रैल को मजदूरों और किसानों के संगठन संयुक्त रूप में संसद पर दिल्ली में सयुंक्त रूप में मार्च व प्रदर्शन करेंगे. जिसके लिए सभी मजदूरों की यूनियनों की मीटिंगे दिसंबर माह में आयोजित करने की योजना बनाई गई.
आंगनवाड़ी यूनियन का राष्ट्रीय सम्मेलन 6-10 दिसंबर को मदुरै-तमिलनाडु, निर्माण मज़दूर फेडरेशन के13-15 फरवरी गुहाटी-आसाम में तथा 18-22 जनवरी को बंगरुरु-कर्नाटक में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए प्रतिनिधियों का भी चयन किया गया.