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शिक्षा के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े पर शीघ्र रोक लगाए सरकार: ABVP

पी. चंद |

फर्जी डिग्री मामले को लेकर केंद्रीय जांज एजेंसी की कार्रवाई का ABVP ने स्वागत किया है। ABVP के प्रांत सह मंत्री विक्रांत चौहान ने कहा कि हाल ही में 265 करोड़ रुपए की छात्रवृति घोटाले का मामला सामने आया है जिसमें कुछ बाहरी राज्यों के लोग और स्थानीय प्रदेशों के लोग संलिप्त है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कार्रवाई अमल में लाते हुए शिक्षा माफियों को गिरफ्तार किया है। ABVP केंद्रीय जांच एजेंसी की इस कार्रवाई का स्वागत करती है।

उन्होंने कहा कि देव भूमि हिमाचल प्रदेश देश के अन्यों राज्यों की तुलना में एक साक्षरता भरा प्रदेश है। यहां पर अधिकांश व्यक्ति पढ़ा लिखा है। लेकिन यदि बात वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य की करें तो प्रदेश में शिक्षा के नाम पर हो रहे व्यापार और शिक्षा के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े ने आज देश में हिमाचल प्रदेश के नाम को शर्मसार किया है। वर्तमान शिक्षा क्षेत्र में हो रहे फर्जीवाड़े दुर्भाग्यपूर्ण है। आए दिन लगातार शिक्षा में फर्जी डिग्री मामले और शिक्षा के नाम पर हो रहे घोटाले में शिक्षा को व्यापार की वस्तु बना दिया है।

विक्रांत चौहान ने कहा कि यदि हम देखें की वर्तमान समय मे डिग्री बेचने का धंधा भी प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों में चरम सीमा पर है। हाल ही में एमबीयू के मालिक कि करोड़ों की संपति जब्त कर दी गई है। लेकिन उस मामले में अभी तक न ही कोई गिरफ्तारी हुई है और न ही अभी तक ऐसे अन्य फर्जी डिग्री का व्यापार करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों में कोई कार्रवाई अमल में लाई है। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि ऐसे अन्य सभी विश्वविद्यालयों के ऊपर भी कार्रवाई की जाए और ऐसे शिक्षा माफियों को शीघ्र से शीघ्र गिरफ़्तार किया जाए। साथ ही ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द की जाए । पिछले वर्ष एपीजी विश्विद्यालय का फर्जी डिग्री का मामला सामने आया था। लेकिन उसमे भी ना कोई गिरफ्तारी हुई है न ही अभी तक ऐसे फर्जी संस्थानों की मान्यता रद्द की है।

ABVP मांग करती है कि ऐसे फर्जी संस्थानों को अंकित करते हुए कार्रवाई अमल में लाई जाए और नियामक आयोग अपनी पूरी नजर ऐसे संस्थानों मे रखे जहां इस तरह की फर्जीवाड़े हो रहे हैं। और अपने फायदे के लिए शिक्षा को बेचकर और मनमर्जी से पाठयक्रम शुरू करते हुए शिक्षा के स्तर को गिराने का काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार मामले को गंभीरता से लेते हुए ऐसे शिक्षा माफियों पर कड़ा शिकंजा बनाए ताकि भविष्य में ऐसे शर्मसार करने वाले मामले सामने न आए, अन्यथा विद्यार्थी परिषद आम विद्यार्थियों को लामबंद करते हुए ऐसे शिक्षण संस्थानों को बन्द करने हेतु विरोध प्रदर्शन करेगी।