Follow Us:

पुरानी पेंशन बहाल करके शिक्षकों में असुरक्षा की भावना हटाए सरकार: शिक्षक महासंघ 

पी. चंद |

पुरानी पेंशन बहाली की मांग पिछले कुछ समय से लगातार जोर पकड़ रही है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई है। संघ ने 10 वीं की परीक्षा रद्द कर प्रथम और सैकेंड टर्म में हुए एग्जाम के आधार पर परिणाम घोषित करने की मांग की है। शिमला में भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन मिश्रा ने शिक्षकों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को उठाते हुए कहा कि नई पेंशन को लेकर कर्मचारी असुरक्षा की भावना में जी रहे हैं। इस संबंध में सरकार को पहल करके राहत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को पुरानी पेंशन को बहाल करनी चाहिए अगर ऐसा नही होता है तो सरकार को एक सम्मानजनक सुरक्षित पैमाना निश्चित किया जाना चाहिए। 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने समिति बना कर प्रदेश भर के कर्मचारियों को पेंशन पर राहत देने का आश्वासन दिया है और बहुत जल्दी इस विषय पर फैसला करेंगे जल्द कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि टीजीटी को मुख्याध्यापक और प्रवक्ता पदोन्नति की दोनों ऑप्शन बहाल की जाए नही तो इस संबंध मे प्रवक्ता से प्रधानाचार्य पदोन्नति का कोटा बढ़ाकर 75 : 25 किया जाए। 

शिक्षक महासंघ ने योग्यता पूरी करने वाले शास्त्री और भाषा अध्यापकों को जल्द टीजीटी का दर्जा प्रदान करने, डाइटों में  कार्य कर रहे सभी शिक्षक प्रवक्ता होने की एवज में डाइट का नियंत्रण उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन करने, प्रवक्ता स्कूल न्यू की जगह सीधे रुप से प्रवक्ता शब्द बहाल करने, लंबे समय से काम कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाकर शिक्षा विभाग में समायोजित करने ,नए वेतन वेतनमान की सिफारिशों को प्रदेश में लागू करने के साथ जल्द प्रधानाचार्यों की पदोन्नति करने की मांग उठाई गई है। शिक्षक महासंघ ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने , कोरोना से निपटने के लिए टीकाकरण को प्रोत्साहन देने के लिए बिना टीकाकरण के स्कूलों में अध्यापकों के प्रवेश वर्जित करने के साथ 1 मई के बाद रोटेशन के आधार पर अध्यापकों को स्कूलों में बुलाने की मांग की गई है।