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पारंपरिक शिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए शिल्प और पर्यटन मेला शुरू करेगी सरकार: CM

<p>मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं का समयबद्ध निर्माण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि हिमाचल प्रदेश पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सूरजकुंड अन्तरराष्ट्रीय मेले की तर्ज पर राज्य में शिल्प और पर्यटन मेला आरंभ करने का निर्णय किया है ताकि हिमाचल प्रदेश के पारम्परिक शिल्प पर जानकारी का प्रचार किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को सोलन जिले के कंडाघाट के समीप भू-हस्तांतरण के मामले में शीघ्रता लाने के निर्देश दिए ताकि इस स्थान पर मेला के लिए स्थान विकसित किया जा सके।</p>

<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत जिला सोलन के क्यारीघाट में 25 करोड़ रुपये की लागत से सम्मेलन केन्द्र स्थापित किया जा रहा है और इस वर्ष दिसम्बर महीने के अंत तक इसका कार्य पूरा कर लिया जाएगा। शिमला में हेलीपोट के निर्माण का कार्य प्रगति पर है और सितम्बर, 2020 तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। कांगड़ा में विलेज हाट, मनाली में कृत्रिम कलाइबिंग वॉल और चंबा के भलैई माता मन्दिर में कला और शिल्प केन्द्र का कार्य प्रगति पर है।</p>

<p>जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को जिला कांगड़ा के बीड़ में पैराग्लाईडिंग केन्द्र का निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मार्च माह तक शिमला में लाईट एण्ड साउंड कार्यक्रम आरम्भ कर दिया जाएगा, जो पर्यटकों के लिए अतिरिक्त आकर्षण होगा। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत सम्पूर्ण हिमालय सर्किट में साईंनेजिज, गैन्ट्रीज, सीसीटीवी और वाईफाई प्रणाली उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से अपार सम्भावनाएं है। उन्होंने कहा कि मण्डी और कुल्लू जिलों में ब्यास नदी के तटों पर आरती के लिए घाटों के निर्माण के अतिरिक्त मण्डी में शिवधाम की स्थापना की जा रही है। सुन्नी-तत्तापानी क्षेत्र को मुख्य पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए जल क्रीड़ा केन्द्र का निर्माण किया जाएगा।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगी अटल टनल</strong></span></p>

<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के अनछुए पर्यटनों स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से नई राहें नई मंजिलें परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के तहत 50 करोड़ रुपये के आंवटित बजट में से अब तक 18.65 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। इस योजना के अन्तर्गत जिला शिमला के चांशल क्षेत्र को स्की गंतव्य के रुप में विकसित किया जा रहा है। रज्जू मार्ग/स्की लिफ्ट, रेस्तरां, कैम्पिंग साईट और वे साईड अमेनिटीज का प्रस्ताव इस परियोजना के तहत प्रस्तावित है। कांगड़ा के बीड़-बिलिंग को पैराग्लाईडिंग और जिला मण्डी के जंजैहली को ईको टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत पौंग जलाशय को जलक्रीड़ा गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अटल सुरंग पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र बनकर उभरेगी। उन्होंने अधिकारियों को सुरंग के उत्तर और दक्षिण पोर्ट का विकास निर्धारित समय पर पूरा करने के अतिरिक्त विस्टा डूम बस को खरीदने के निर्देश दिए, जो अटल सुरंग से गुजरते हुए हिमाचल की झलक दिखने के कारण पर्यटकों को आनंदित करेगी।</p>

<p>जयराम ठाकुर ने प्रदेश के विभिन्न रज्जू मार्गों को निर्धारित समय पर पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि राज्य की मुख्य परियोजनाएं जैसे आदी हिमानी-चामुण्डा, धर्मशाला रज्जू मार्ग, पलचान से रोहतांग रज्जू मार्ग और श्री आनन्दपुर साहिब से श्री नैनादेवी जी रज्जू र्मा का कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यटकों को सुविधा होगी, बल्कि इन परियोजनाओं पर अनावश्यक खर्च से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सुन्दरनगर में फूड क्राफ्ट संस्थान के निर्माण और धर्मशाला स्थित फूड क्राफ्ट संस्थान के होटल प्रबन्धन संस्थान में स्तरोन्नयन के मामलों को शीघ्र स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार से उठाया जाना चाहिए।</p>

<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 ने राष्ट्रीय के पर्यटन उद्योग को विपरीत रूप से प्रभावित किया है। सरकार ने संभावित उद्यमियों के लिए कार्यशील पूंजी ऋणों पर ब्याज अनुदान योजना आरंभ की है। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन इकाइयों के डिमांड चार्जिज माफ कर दिए हैं। अन्य पर्यटन राज्यों जैसे उत्तराखंड, राजस्थान, गोवा, केरल आदि की तर्ज पर राज्य सरकार ने राज्य को पर्यटकों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के सख्त पालन के साथ खोलने का निर्णय किया है। राज्य में केवल उन्हीं पर्यटकों को आने दिया जाएगा, जिनकी कम से कम पांच दिनों के लिए वैध बुकिंग होगी और जिन्हें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी प्रयोगशाला में राज्य में प्रवेश करने के 72 घण्टों के भीतर जांच करवाई हो। कोविड-19 के मद्देनजर आतिथ्य क्षेत्र के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विज्ञान और सफाई पर 10 हजार उम्मीदवारों को एक दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 400 उम्मीदवारों को टूरिस्ट गाईड संचार कौशल आदि का तीन सप्ताहों का आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।</p>

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